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एक आदमी तो सिर्फ अपने विचारों का उत्पाद होता है। वही सोचता है, वही बन जाता है।
मानवता की महानता मानव होने में नहीं है, बल्कि मानवीयता में है।
पृथ्वी हर आदमी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रदान करती है, लेकिन हर आदमी की लालच को नहीं।
आज क बापू रहे पुकार नारी अब अपनी पहचान एंड खुद करो अपनी रक्षा | ये लो मेरा डंडा |
आपको मानवता में आस्था नहीं खोनी चाहिए। मानवता समुद्र की तरह होती है; यदि समुद्र के कुछ कण गंदे होते हैं, तो समुद्र गंदा नहीं हो जाता।
समृद्धि का अर्थ है सबके लिए धन, स्वास्थ्य, और शिक्षा की समान अवसर होना, न कि कुछ व्यक्तियों की लालच को पूरा करना।
सफलता का अर्थ व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता के आधार पर होता है, न कि उसकी संपत्ति के आधार पर।