Ayudha Pooja 2023 A Sacred Ritual of 

आयुध पूजा एक पारंपरिक हिन्दू पूजा है जो उपकरणों और उपसाधनों की पूजा के रूप में की जाती है, जैसे कि वाहन, मशीनरी, और आयुध।

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आयुध पूजा नवरात्रि के नवमी दिन मनाई जाती है, जो दशहरा के दिन के पहले होता है.

आयुध पूजा मुहूर्त 23 oct दोपहर 01.58 से दोपहर 04.43 तक का है

मां दुर्गा ने महिषासुर के मारने के लिए अपनी दस भुजाओं में शस्त्रों का प्रयोग किया था। 

ये वो शस्त्र थे जो कि देवताओं ने उन्हें अर्पित किए थे इसलिए जब नौ दिन के लगातार युद्ध के बाद महिषासुर का खात्मा मां ने किया था

 उन्होंने समस्त देवताओं को शस्त्र लौटाने से पहले उनकी पूजा की थी, ऐसा शस्त्रों को सम्मान देने के उद्देश्य से किया गया था और तभी से ये एक परंपरा बनी गई।

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 दक्षिण भारत के राज्यों में ये पूजा महानवमी को मनाई जाती है। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में इस दिन शस्त्रों की पूजा के साथ-साथ मां सरस्वती की भी पूजा होती है।

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