चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को घटित होगा, जिसका आरंभ रात 11:30 बजकर 30 मिनट पर होगा।
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चंद्र ग्रहण का स्पर्श 1:05 बजकर 05 मिनट पर होगा, और मध्य काल 1:44 बजकर 44 मिनट पर घटित होगा।
ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2:24 बजकर 24 मिनट पर होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान ग्रहण काल का प्रभाव सबसे अधिक होगा, और यह इस समय की विशेषता होगी।
ग्रहण के समय ध्यान और तपस्या करने से यह माना जाता है कि आप ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।
चंद्र ग्रहण के आगमन से ठीक 9 घंटे पहले, एक सूतक काल शुरू होता है, जिसमें कई शुभ और मांगलिक कार्यों को वर्जित किया जाता है।
इस चंद्र ग्रहण के सूतक काल का आरंभ 28 अक्टूबर को शाम 4:05 बजे होगा और इस अवधि में मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं।
सूतक काल के दौरान, भगवान की पूजा या उनकी प्रतिमाओं को स्पर्श नहीं करना चाहिए, और शुभ कार्यों से बचना चाहिए।
– यह सूतक काल ग्रहण के दिन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और लोग इसका पालन करते हैं ताकि उन्हें धार्मिक और सामाजिक आदर्शों का पालन करने का अवसर मिले।