Dev Uthani Ekadashi 2023 Discover the Spiritual Significance 

इस पर्व को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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इस दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के रूप में मनाने से विवाह, गृह प्रवेश और मुख्य आरंभिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।

इस दिन व्रत रखा जाता है, और भक्त उठ कर नीतिवचन और ध्यान करते हैं।

इस दिन काशी, आयोध्या, मथुरा, और वृन्दावन जैसे तीर्थ स्थलों पर भगवान की पूजा के लिए विशेष आयोजन किए जाते हैं।

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इस दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के रूप में मनाने से मोक्ष प्राप्त करने की आकांक्षा को भी पूरा किया जा सकता है।

देव उठानी एकादशी को मनाने से भगवान विष्णु से अपने पापों की क्षमा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होता है।

देव उठानी एकादशी का पालन करने से विवाहित जोड़ों के बीच में सुख और संगम की वृद्धि होती है.

इस दिन श्रीहरि चार माह बाद योग निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास की समाप्ति होती है.

देवोत्थान एकादशी व्रत का फल एक हज़ार अश्वमेघ यज्ञ और सौ राजसूय यज्ञ के बराबर होता है।

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