गोरखनाथ जयंती 2024 की तिथि 23 मई है। गुरु गोरखनाथ, गुरु मत्स्येन्द्रनाथ के मानस पुत्र थे। मत्स्येन्द्रनाथ ने गोरखनाथ की माता को अभिमंत्रित कर पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था।
मान्यता है कि गुरु गोरखनाथ का जन्म गुरु मत्स्येन्द्रनाथ के आशीर्वाद से हुआ था। उन्होंने एक उदास स्त्री को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था, जिससे गोरखनाथ का जन्म हुआ।
गोरखनाथ के हठयोग की परम्परा को आगे बढ़ाने वाले सिद्ध योगियों में चौरंगीनाथ, गोपीनाथ, चुणकरनाथ, भर्तृहरि, जालन्ध्रीपाव आदि प्रमुख हैं।
गुरु गोरखनाथ ने नाथ योग, आसान, प्राणायाम, षट्कर्म, मुद्रा, नादानुसंधान, कुण्डलिनी आदि योग और प्राणायाम की परम्पराओं की शुरुआत की थी।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में उच्चे टीले गोगा मेड़ी पर गुरु गोरखनाथ का एक स्थान है। जहा गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ का विशाल मठ और मंदिर है।
गोरखा जिले में हर साल वैशाख पूर्णिमा को ‘रोट महोत्सव’ मनाया जाता है और यहाँ मेला भी लगता है।
नेपाल के गोरखा जिले का नाम भी गुरु गोरखनाथ के नाम पर ही पड़ा। यहाँ एक गुफा में गोरखनाथ का पग चिन्ह और उनकी मूर्ति है।
गोरखपंथ गुरु गोरखनाथ के संप्रदाय की प्रमुख 12 शाखाएँ हैं:- भुज के कंठरनाथ, पागलनाथ, रावल, पंख या पंक, वन, गोपाल या राम, चांदनाथ कपिलानी, हेठनाथ, आई पंथ, वेराग पंथ, जैपुर के पावनाथ, घजनाथ