Hanuman ji ka janam kab hua tha 5 unknown facts on hanuman jayanti 2023

हनुमान जी को कलयुग में सबसे जागरूक देव माना जाता है, और यह कहा जाता है कि वे आज भी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

कुछ पुराणों में यह भी उल्लेख है कि हनुमान जी कलयुग में गंधमादन पर्वत पर वास करते हैं।

हनुमान जी की जन्मतिथि को लेकर कई मान्यताएं हैं। वाल्मीकि की रामायण के अनुसार माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन स्वाति नक्षत्र में हुआ था।

देवी सीता ने हनुमान को एक मोती का हार भेंट किया, पर हनुमान ने उसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह राम के नाम के बिना कुछ भी स्वीकार नहीं कर सकते।

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान वायु देवता के पुत्र हैं। इस कारण हनुमान को "पवनपुत्र" या "मारुति" भी कहा जाता है, जो हवा के पुत्र का अर्थ है।

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हनुमान जी के पास 8 सिद्धियाँ हैं   अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशत्व, वशित्व

और हनुमान जी के पास 9 निधियाँ हैं: महापद्म, पद्म, नंदनिधि, नील, मुकुंद, मकर, शंख, खर्व, कच्छप  

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