दुर्गा पूजा भारत में मनाया जाने वाला एक बेहद लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह त्यौहार देवी दुर्गा को समर्पित है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक मानी जाती हैं।
दुर्गा पूजा के आज से 103 दिन बाकि है । इस साल यह पर्व 9 oct से 13 तक होगा। और यह पाँच दिनों तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार के दौरान लोग अपने घरों और पंडालों को विशेष रूप से सजाते हैं।
वे रोशनी, फूलों और रंग-बिरंगे सजावटी सामानों से अपने घरों और पंडालों को सजाते हैं ताकि वातावरण भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बने।
देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है और आरती और भजन गाए जाते हैं, जिससे सम्पूर्ण माहौल भक्तिमय हो जाता है। दुर्गा पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो हमें यह संदेश देती है कि सत्य और न्याय की हमेशा जीत होती है।
इस पर्व के दौरान लोग उपवास रखते हैं और देवी दुर्गा को चढ़ाए गए प्रसाद से अपना उपवास तोड़ते हैं। इससे न केवल उनका आस्था प्रकट होता है, बल्कि यह सामूहिकता और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करता है।
पश्चिम बंगाल में यह त्यौहार अत्यंत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यहां के लोग इस पर्व को एक बड़े उत्सव के रूप में मानते हैं और इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग मानते हैं।
त्यौहार के अंतिम दिन, जिसे विजयादशमी कहा जाता है, देवी दुर्गा की मूर्तियों को बड़ी धूमधाम से जल में विसर्जित किया जाता है, जो इस पर्व का समापन होता है।
दुर्गा पूजा भारत के लोगों की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान का प्रतिनिधित्व करती है। यह पर्व हमें हमारी प्राचीन परंपराओं और संस्कृति की याद दिलाता है और हमें एकता, समर्पण और धर्मनिष्ठा का पाठ पढ़ाता है।