रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए स्विट्जरलैंड में यूक्रेन पीस समिट आयोजित की जा रही है। इस पीस समिट में 100 से अधिक देशों को आमंत्रित किया गया है।
G7 समिट में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समिट में आमंत्रित किया था। यूक्रेन को न्यूट्रल कंट्री की जरूरत है ताकि समिट की वैधता बनी रहे।
यूएस ने यूक्रेन के ऊर्जा सेक्टर को बूस्ट करने के लिए $2 बिलियन की सहायता दी है। G7 देशों ने यूक्रेन को $50 बिलियन की सहायता देने की घोषणा की है।
रूस ने यूक्रेन के कई पावर प्लांट्स को निशाना बनाया है, जिससे वहां ऊर्जा संकट उत्पन्न हो गया है। यूक्रेन की पीस समिट में यूएस की वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस शामिल होंगी।
कमला हैरिस ने $379 मिलियन की अतिरिक्त सहायता की भी घोषणा की है, जो रिफ्यूजी सेवाओं के लिए होगी।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता के खिलाफ हैं। ट्रंप का कहना है कि यूएस को अपने आंतरिक समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
रूस ने यूक्रेन को सीजफायर की शर्तें दी हैं, लेकिन जेलेंस्की ने उन्हें मानने से इनकार कर दिया है। जेलेंस्की का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में सम्मान और महत्व बढ़ा है।
यूक्रेन पीस समिट में रूस की अनुपस्थिति पर विवाद है। इस समिट के बाद स्विट्जरलैंड में यूक्रेन के शरणार्थियों और युद्ध बंदियों की स्थिति पर चर्चा होगी।