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वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूरब और दक्षिण-पूरब दिशा किचन के लिए अनुकूल है। इससे खाद्य बनाने में सुविधा होती है और घर में पॉजिटिव ऊर्जा बनी रहती है।
गैस स्टोव दक्षिण-पूरब दिशा में रखना उचित है तथा सिंक पूरब दिशा में होना चाहिए। यह व्यक्ति को किचन कार्यों में सहारा प्रदान करता है।
वास्तु के अनुसार, किचन के लिए उचित रंग होता है हरे, लाल, पीले, चॉकलेट ब्राउन, गुलाब और नारंगी। ये रंग ऊर्जा को बढ़ाते हैं और व्यक्ति को सकारात्मक महसूस कराते हैं।
सब्जियां और फलों को पश्चिम दिशा में रखना उचित है, जबकि अनाज और खाद्य सामग्री को दक्षिण दिशा में रखना शुभ होता है। इससे घर में ऐसी ऊर्जा बनती है जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
वास्तु के अनुसार, किचन में बिना उपयोग के बर्तन, टूटे हुए या अपर्याप्त चीजें न रखें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
किचन में एक ताम्र प्लेट या मिट्टी का तंबा रखना बाधा को दूर करने में मदद कर सकता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को शांति में बदल सकता है।
उचित किचन वास्तु का पालन करने के लिए, साफ़ और सुरक्षित रख-रखाव के साथ सही स्थान पर सही चीजें रखें और किचन में सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए योजना बनाएं।