ज्योतिष शास्त्र में नाड़ी दोष एक महत्वपूर्ण गुण मिलान कारक है, जिसका मुख्य उद्देश्य विवाही जीवन में होने वाली संघर्षों की पूर्वानुमानन करना है।
नाड़ी दोष का कारण ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार आपकी कुंडली में मैचिंग गुणों के अभाव की वजह से हो सकता है, जैसे कि गण, भकूट, नाडी, आदि।
नाड़ी दोष के बिना भी, कुंडली में गण, भकूट, नाडी के गुण मेल नहीं खाते हैं, तो इससे विवाही जीवन में सुख-शांति के लिए समस्याएं आ सकती हैं।
नाड़ी दोष के द्वारा, ज्योतिषशास्त्री कुंडली मिलान करते समय दो व्यक्तियों की नाड़ी को मिलाने से विवाहीत जीवन में आ जाने वाली समस्याओं के पूर्वानुमानन कर सकते हैं।
नाड़ी दोष के लिए विशेष प्रकार की उपाय की आवश्यकता होती है, जैसे कि नाड़ी दोष निवारण पूजा करना, मंत्र जाप करना और अन्य उपाय करना।
नाड़ी दोष के प्रकार होते हैं, जैसे की आदि नाड़ि दोष, मध्य नाड़ि दोष, और अंत नाड़ि दोष
नाड़ी दोष का मुख्य कारण मांगलिक दोष, गण्धर्व दोष, और नाड़ियों के समापन सम्बन्धित हो सकता है।