हनुमान चालीसा का पाठ करने में स्त्रियों के लिए कोई मनाई नहीं है। हनुमान जी को भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है।
मासिक धर्म के समय स्त्रियों को पूजन पाठ से बचना चाहिए, लेकिन हनुमान चालीसा का पाठ भी वह नहीं कर सकती क्योकि हनुमान जी बालभ्रमचारि है। तो ऐसा करना बहुत बड़ा पाप होगा।
कुछ लोगों का मानना है कि भारत की स्त्रियों को हनुमान चालीसा की पूजा नहीं करनी चाहिए, जो गलत है। लेकिन मांसिक धर्म में यह ठीक नही होगा।
हनुमान जी की उपासना स्त्रियाँ भी कर सकती हैं। और उन्हें करनी चाहिए। but जब उन्हें मासिक धर्म नहीं हो। लंका की राक्षसियों ने भी हनुमान जी की पूजा की थी, तो भारतीय नारियों को भी पूजा करने का अधिकार है।
मासिक धर्म के आलावा हनुमान जी की पूजा और उपासना में स्त्रियों के लिए कोई विशेष नियम या प्रतिबंध नहीं हैं। हनुमान जी की शक्ति और आशीर्वाद सभी के लिए समान है, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष।
हनुमान जी को सीता माता ने अमरता का वरदान मिला है । हनुमान जी भगवान शिव के अंश माने जाते हैं और उन्हें अजर-अमर होने का वरदान प्राप्त है।
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हनुमान जी को आराध्य मानते हुए सभी को उनकी उपासना का अधिकार है।