रथ यात्रा 2024 एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की पूजा की जाती है। यह उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी है।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भगवान जगन्नाथ जगन्नाथपुर नगर में अपने मौसी के घर, गुंडिचा मंदिर यात्रा करते हैं।
वहां आठ दिनों तक विश्राम करते हैं और फिर जगन्नाथ मंदिर लौटते हैं। इस यात्रा को "बहुदा यात्रा" भी कहते हैं। इसके बाद, आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा का आयोजन होता है।
भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा 07 जुलाई 2024 को, रविवार को, निकलेगी। और 08 जुलाई सुबह 04:59 बजे तक समाप्त होगी। सनातन धर्म में भगवान जगन्नाथ की पूजा श्रद्धा भाव से की जाती है।
इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियों को 108 कलशों से स्नान कराया जाता है।
स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ते हैं और उन्हें 14 दिनों तक एकांत में रखा जाता है, जिसे 'अनासरा' कहा जाता है।
इस दौरान भगवान जगन्नाथ का उपचार किया जाता है, और उन्हें स्वस्थ करने की प्रक्रिया होती है। भगवान जगन्नाथ के स्वस्थ होने के बाद, उन्हें भव्य रथ यात्रा के माध्यम से पुरी की सड़कों पर ले जाया जाता है।
इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी के सामने 108 बार "ॐ रिंग श्री लक्ष्मी जगन्नाथाय नमः" मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।