sharad purnima ko कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि इस रात्रि के दौरान लोग जागरूक रहते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
शरद पूर्णिमा को हर्वेस्ट मून भी कहा जाता है क्योंकि इसे खेतों में बोए गए फसलों को काटने के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है।
इस दिन, चंद्रमा अपने पूरी चमकिली शोभा के साथ दिखाई देता है, जिससे यह त्योहार और भी खास बन जाता है।
शरद पूर्णिमा के दिन लोग लकड़ी के कंदलों में तेल डालकर पूजा करते हैं और चांद्रमा की आराधना करते हैं.
इस दिन को देवी लक्ष्मी के आगमन के रूप में भी माना जाता है, और लोग अपने घरों को सजाकर उनका स्वागत करते हैं.
शरद पूर्णिमा के दिन गुजिया, खीर, और दूध की मिठाइयां बनाई जाती हैं
इस त्योहार के दिन, विशेषत: गुजरात और उत्तर प्रदेश में, लोग रात्रि भर विभिन्न प्रकार के खेल और गीत गाकर मनाते हैं.
साल 2023 में शरद पूर्णिमा का पर्व 28 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा