जानिए about anant chaturdashi 2023 के Ganpati visarjan का अद्भुत Date mahurat इस पावन पर्व को कैसे गणेश जी को विदाई दें or Mano kamna purn kre.
Also below आर्टिकल हमने आप को बताया है बिलकुल सही तरीका और डेट एंड महूरत के बारे में | जिसे फॉलो क्र क आप anant chaturdashi को बड़ी शुभ धाम से मना सकते है व् Ganpati visarjan सही मुहूर्त कर सकते है |
anant chaturdashi क्या होती है ? और क्यों Ganpati visarjan किया जाता है इस दिन?
anant chaturdashi एक हिन्दू पर्व होता है जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से across भारत में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश जैसे प्रांतों में धूमधाम से मनाया जाता है।
during this day, भक्त गणेश जी की मूर्तियों को धूप, दीप, फूलों, और नैवेद्य द्वारा पूजा करते हैं Then उनके आशीर्वाद का आभार अदा करते हैं। then गणपति जी की मूर्ति को समुद्र या नदी में विसर्जित कर देते हैं, जिसे “गणपति विसर्जन” कहा जाता है।
Also यह संस्कृति में Ganpati visarjan का पर्व है और भगवान को उनके लोक में वापस जाने के लिए तैयार होने का संकेत होता है।
Ganpati visarjan का महत्व होता है क्योंकि यह भगवान गणेश की प्रतिष्ठा का अद्वितीय पर्व है beside लोग इसे बड़े उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं।
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anant chaturdashi kab hai ?
अनंत चतुर्दशी का आगमन 27 सितंबर को रात के 10 बजकर 18 मिनट पर होगा और यह समाप्त होकर 28 सितंबर को, गुरुवार को शाम के 6 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस खास मौके को 28 सितंबर को ही धूमधाम से मनाने का प्लान है।
नियमों के अनुसार, गणेश विसर्जन उत्सव का दसवें दिन को मनाया जाता है। similarly to other years इस साल, गणेश विसर्जन 28 सितंबर को होगा।
Ganpati Visarjan का शुभ मुहूर्त September 28 , 2023 सुबह से दोपहर होने तक है. इस वकत में आप गणपति की मूर्ति का विसर्जन कर सकते है | and मनोवांछित फल प्राप्त क्र सकते है |
Ganesh visarjan Katha
आनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन के पीछे एक कथा है(anant chaturdashi ganesh visarjan Katha) जिसे “आनंत चतुर्दशी कथा” या “गणेश विसर्जन कथा” कहा जाता है। beside यह कथा गणपति बाप्पा के विसर्जन के पीछे का धार्मिक महत्व दर्शाती है।
as per ganesh visarjan Katha के अनुसार, एक बार पंडवों ने अपने गुरु द्रोणाचार्य के उपदेश का अभ्यास किया था। इसके दौरान, अर्जुन ने अपने गुरु से पूछा कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। द्रोणाचार्य ने अर्जुन को उनके शिव रूप की पूजा करने की सलाह दी।
अर्जुन ने गुरु की सलाह मानकर भगवान शिव की पूजा की और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की। then, वे पांच पांडव अपने गुरु द्रोणाचार्य के उपदेश का सफल रूप से अभ्यास करके महाभारत युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
इसी ganesh visarjan Katha के साथ,anant chaturdashi को गणेश विसर्जन के साथ मनाने का पर्व बन गया है, जिसमें भगवान गणेश को पूजा करके then उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की जाती है then उनकी मूर्ति को समुद्र या नदी में विसर्जित किया जाता है। इस तरह,anant chaturdashi ganesh visarjan का महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है जो भगवान गणेश की प्रतिष्ठा का सजीव उल्लेख करता है।
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Frequently asked Question Answers
Below हमने आप क लिए कुछ FAQ सम्लित किये है जो आप की नॉलेज anant chaturdashi और ganpati विसर्जन क बारे मई बढ़ाएंगे | तो चलिए ले चलते है आप को सवाल जवाब की दुनिया में without delay |
Q. 1 अनंत चतुर्दशी पूजा कब है?
Ans:- अनंत चतुर्दशी इस साल 27 सितंबर को रात के 10 बजकर 18 मिनट पर आएगी और उसका समापन 28 सितंबर को, गुरुवार को शाम के 6 बजकर 49 मिनट पर होगा। इसी दिन हम गणपति जी की विसर्जन का आयोजन करेंगे।
Q. 2 अनंत चतुर्दशी के दिन क्या खाना चाहिए?
Ans:- कुछ लोग इस दिन सूजी के हलवे, पूरी, आलू की सब्जी, पूरन पोळी (गुजराती वर्शदी पुरन पोळी), शिरा, दही, और खिचड़ी जैसे सात्विक खाद्य पदार्थ बनाते हैं। कुछ लोग फल, दूध, और घी का उपयोग भी करते हैं। धार्मिक दृष्टि से, यह खाना भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करने के रूप में माना जाता है।
Q. 3 Why anant chaturdashi is celebrated?
Ans:- Anant Chaturdashi is a significant and emotional day for devotees who express their love and gratitude to Lord Ganesha and seek his blessings for a harmonious and prosperous life.
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Conclusion
to begin with आनंत चतुर्दशी एक importantly और खुशी के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है जो भारत में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है, mainly महाराष्ट्र राज्य में। hence यह गणेश चतुर्थी उत्सव के 10 दिनों के समापन का संकेत देता है, जो भगवान गणेश के पूजन के लिए होता है।
“आनंत” शब्द का अर्थ है “अनंत” या “अनन्त,” and “चतुर्दशी” से तात्पर्य है 14वें दिन का है जो हिन्दू मास भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी होता है।
hence आनंत चतुर्दशी का मुख्य महत्व गणेश चतुर्थी के पूरे उत्सव के समापन को दर्शाने में है, usualy इस दिन भक्त अपने प्यारे गणेश जी का विदाई करते हैं, उनकी मूर्तियों को पास के जलस्रोतों में डूबाकर उनके स्वर्गिक आवास की ओर लौटने के लिए संकेत करते हैं।