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Best Rudraksha for your Career & Wealth by Rashi & Birth Chart

Best Rudraksha for your Career & Wealth by Rashi & Birth Chart

Rudraksha कैसे चुनें? आपकी राशि, कुंडली और जीवन की समस्याओं के अनुसार सही रुद्राक्ष पहनना क्यों जरूरी है? यह सवाल लगभग हर उस व्यक्ति के मन में आता है जो जीवन में तरक्की, धन, सफलता और मानसिक शांति चाहता है।

लेकिन रुद्राक्ष कोई साधारण बीज नहीं, बल्कि शिव जी का आशीर्वाद माना जाता है – एक ऊर्जावान और पवित्र तत्व। क्या आपकी राशि के अनुसार कोई खास रुद्राक्ष होता है? क्या कुंडली के अनुसार किसी विशेष समस्या का समाधान रुद्राक्ष से किया जा सकता है?

अगर आप सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, करियर में ग्रोथ चाहते हैं या रिश्तों में मिठास लाना चाहते हैं – तो यह लेख आपके लिए best है। यहाँ रुद्राक्ष से जुड़ी A से Z जानकारी – कौन-सा रुद्राक्ष किसके लिए उपयुक्त है, कब और कैसे पहनना चाहिए, कौन नहीं पहन सकता।

and असली-नकली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें। साथ ही, आप अपनी जन्मतिथि के आधार पर फ्री रुद्राक्ष एनालिसिस कैसे कर सकते हैं, इसका तरीका भी आपको यहीं मिलेगा।

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What is rudraksha ?

रुद्राक्ष एक विशेष पेड़ के सूखे बीज होते हैं, जो मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ विशेष क्षेत्रों—जैसे नेपाल, भारत, इंडोनेशिया और म्यांमार में पाए जाते हैं। वनस्पति विज्ञान में इसे Elaeocarpus ganitrus के नाम से जाना जाता है। ‘रुद्राक्ष’ शब्द दो भागों से मिलकर बना है – रूद्र यानी भगवान शिव और अक्ष यानी आँसू।

मान्यता है कि यह बीज भगवान शिव के आँसुओं से उत्पन्न हुए थे, इसलिए इसे अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। रुद्राक्ष का उपयोग ध्यान, साधना और मानसिक शांति के लिए किया जाता है, साथ ही यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन लाने में सहायक होता है।

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How to wear Rudraksha

रुद्राक्ष को पहनने का एक विशेष तरीका है, जिससे इसका प्रभाव और लाभ अधिकतम हो सकता है। यह विधि सरल, लेकिन प्रभावशाली है, और इसे करने से रुद्राक्ष आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाने में मदद करता है। आइए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि:

व्रत का पालन करें: रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सबसे पहले आपको एक व्रत करना होता है। इस व्रत का पालन शुक्ल पक्ष के सोमवार के दिन करना सबसे अच्छा होता है। रविवार को आप रुद्राक्ष को गाय के दूध से धोकर अच्छे से साफ करें।

साफ-सफाई: रुद्राक्ष को धोने के बाद, इसे स्वच्छ पानी से धोकर, दूध से भी साफ कर सकते हैं। इससे रुद्राक्ष की शुद्धता बनी रहती है। इस प्रक्रिया को आप अपने पूजा स्थान पर भी कर सकते हैं, या फिर इसे घर के किसी पवित्र स्थान पर रख सकते हैं।

मंत्र जाप: अब रुद्राक्ष को अपने हाथों में लें और अपनी आँखें बंद करके भगवान शिव का महामंत्र “ॐ नमः शिवाय” 108 बार जाप करें। इस दौरान आप रुद्राक्ष को श्रद्धापूर्वक पूजें और अपनी इच्छाएं, समस्याएं, और जीवन में सुधार की कामना करें।

पूजा में सामग्री: जाप के बाद रुद्राक्ष को सफेद कपड़े में लपेट कर, उसमें कुछ फूल, बत्ती और चंदन चढ़ाएं। इसके बाद, रुद्राक्ष को लाल धागे या चांदी/सोने की चेन में बांध कर पहन सकते हैं। यह आपके लिए अधिक शुभ और प्रभावशाली होगा।

Types of Rudraksha

रुद्राक्ष 1 मुखी से लेकर 14 मुखी तक सामान्य रूप से मिलते हैं। कुछ दुर्लभ प्रकार के रुद्राक्ष 27 मुखी तक भी होते हैं, लेकिन वे बहुत कम और मुश्किल से मिलते हैं। इसलिए अक्सर उनके नकली रूप बाज़ार में मौजूद रहते हैं।

रुद्राक्ष मुख्यतः दो देशों से प्राप्त होते हैं – नेपाल और इंडोनेशिया। नेपाल से आने वाले रुद्राक्ष आकार में बड़े, भारी और अधिक प्रभावशाली माने जाते हैं, इसलिए इन्हें ज्योतिषीय उपायों और गंभीर आध्यात्मिक साधनाओं में अधिक महत्व दिया जाता है।

वहीं इंडोनेशिया (इंडो) रुद्राक्ष आकार में छोटे होते हैं और हल्के वजन के कारण इन्हें माला या ब्रेसलेट के रूप में पहनने के लिए उपयुक्त माना जाता है।

कैसे पहचाने रुद्राक्ष असली या नकली?

कैसे पहचाने रुद्राक्ष असली या नकली
कैसे पहचाने रुद्राक्ष असली या नकली

रुद्राक्ष असली है या नकली, इसे पहचानने का सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका है X-ray करवाना। X-ray रिपोर्ट से आप रुद्राक्ष के छिद्र (pores) देख सकते हैं, जो यह संकेत देते हैं कि यह असली है। नकली रुद्राक्ष में यह छिद्र नहीं होते, क्योंकि नकली बीजों के अंदर बीज डालने की प्रक्रिया संभव नहीं होती।

कुछ लोग मानते हैं कि रुद्राक्ष हमेशा तैरता है या डूबता है, लेकिन यह एक मिथक है। असली रुद्राक्ष कभी-कभी डूबते हैं और कभी-कभी तैरते भी हैं, क्योंकि उनका वजन और घनता अलग-अलग होती है। Also कई बार वीडियो में देखते हैं कि रुद्राक्ष सिक्के पर नाचते हुए दिखाई देते हैं, लेकिन असली रुद्राक्ष ऐसा नहीं करता। इसलिए, ऐसी वीडियो से भ्रमित ना हो।

रुद्राक्ष की बनावट भी इसकी पहचान में मदद करती है। असली रुद्राक्ष हल्के भूरे रंग का होता है, जो पहनने के बाद काले रंग में बदल जाता है। इसके आकार में भी भिन्नता होती है; कुछ गोल होते हैं, जबकि कुछ आकार में जूजूबे के फल जैसे लंबे होते हैं।

Also नेपाली रुद्राक्ष में naturaly छेद होता है, जबकि इंडोनेशियाई रुद्राक्ष में छेद ड्रिल मशीन से किया जाता है।

How to Choose Perfect Rudraksha 

How to Choose Perfect Rudraksha
How to Choose Perfect Rudraksha

रुद्राक्ष का चयन करते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए, ताकि आप अपने जीवन के उद्देश्य और राशि के अनुसार सही रुद्राक्ष का चुनाव कर सकें:

राशि के अनुसार चयन: हर राशि के लिए विशेष रुद्राक्ष होता है। उदाहरण के लिए, यदि आप वृषभ राशि के हैं, तो 6 मुखी रुद्राक्ष आपके लिए उत्तम रहेगा, वहीं मकर राशि के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष अधिक लाभकारी होगा। इसलिए, अपनी राशि के अनुसार रुद्राक्ष का चयन करें।

रुद्राक्ष का मुख (Faces): रुद्राक्ष के मुख (Faces) उसकी शक्ति और प्रभाव को दर्शाते हैं। अधिक मुखी रुद्राक्ष आमतौर पर अधिक शक्तिशाली माने जाते हैं। 1 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का रूप माना जाता है और यह अत्यंत दुर्लभ है। 5 मुखी रुद्राक्ष सबसे सामान्य और लोकप्रिय होता है, जिसे लोग विशेष रूप से मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए पहनते हैं।

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Rudraksha according to Rashi

रुद्राक्ष केवल एक धार्मिक आभूषण नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक शक्ति और ऊर्जा का स्रोत भी है। रुद्राक्ष धारण करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि जीवन में सफलता, स्वास्थ्य और समृद्धि भी आती है। रुद्र संहिता में इसका गहरा उल्लेख है। आइए जानते हैं किस राशि के व्यक्ति को कौन-सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

1 Mukhi Rudraksha for – सिंह, कर्क, मेष राशि

एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। यह आधी काजू के आकार का होता है, परंतु गोल आकार में भी दुर्लभ रूप से पाया जाता है।

1 Mukhi Rudraksha benefits

  • आत्मविश्वास बढ़ाता है
  • प्रसिद्धि पाने की इच्छा रखने वालों के लिए लाभदायक
  • नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है
  • आर्थिक समस्याओं को दूर करता है
    उपयुक्त राशि: मेष, कर्क और सिंह

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2 Mukhi Rudraksha for – कर्क, तुला, वृष

दो मुखी रुद्राक्ष के बारे में भगवान शिव और शक्ति का प्रतिनिधित्व इसका स्वामी ग्रह चंद्रमा माना जाता है।

2 Mukhi Rudraksha benefits

यह आपके भावनात्मक असंतुलन जैसे मूड स्विंग्स के लिए है या अंत में आप अपने फैसले बदल देते हैं। कोई भी फैसला लेने के बाद आप में घबराहट के भाव आते हैं तो यह दो मुखी रुद्राक्ष आपके लिए बना है यहां तक ​​कि यह आपके जीवन में रिश्तों के लिए भी है।

3 Mukhi Rudraksha for मेष, वृश्चिक राशि

यह अग्नि तत्व का प्रतीक है और ब्रह्मा, विष्णु, महेश का संगम माना जाता है।

3 Mukhi Rudraksha benefits

बुरी आदतें जैसे धूम्रपान, नशा दूर करता है। विद्यार्थियों के लिए रुद्राक्ष पहनना बहुत शुभ माना जाता है ये रुद्राक्ष तीन शक्तियों का मिश्रण है जो आपकी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षमता को दर्शाता है आप देखेंगे कि जो लोग इसे पहनते हैं।

वो बहुत रचनात्मक होंगे कला से जुड़ी चीजों में वो एकाग्रता के साथ पढ़ाई में आक्रामक होने लगेंगे ये नकारात्मक विचारों और नकारात्मक आदतों को नष्ट करता है और एकाग्रता बढ़ाता है इससे आपकी बीपी की समस्या भी दूर होती है और इससे आपकी पेट से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं

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4 Mukhi Rudraksha for – मिथुन, कन्या राशि

चार मुखी रुद्राक्ष की इसे भगवान ब्रह्मा का रुद्राक्ष माना जाता है और इसका स्वामी ग्रह बुध है। यानि चार मुखी रुद्राक्ष को बुध ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है, जो संचार कौशल, बुद्धि, और रचनात्मकता को बढ़ाने में सहायक होता है।

यह रुद्राक्ष खास तौर पर छात्रों के लिए बहुत लाभकारी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि चार मुखी रुद्राक्ष में स्वयं भगवान ब्रह्मा का वास होता है, जो इस ब्रह्मांड के रचनाकार हैं।

4 Mukhi Rudraksha benefits

अगर कोई बीमारी आपको बार-बार परेशान कर रही है, या आप अपने शरीर की किसी इंद्रिय को अधिक सक्रिय और तेज बनाना चाहते हैं, तो चार मुखी रुद्राक्ष बहुत मददगार हो सकता है।

इसके जल का सेवन भी लाभकारी माना गया है। इसके लिए रात्रि में एक बर्तन में चार मुखी रुद्राक्ष डालकर रख दें, और सुबह खाली पेट उस जल को पी लें। नियमित रूप से ऐसा करने से स्वास्थ्य में स्पष्ट सुधार देखने को मिलता है, खासकर जब आप बार-बार छोटी-मोटी बीमारियों से परेशान रहते हों।

चार मुखी रुद्राक्ष धन, काम, धर्म और मोक्ष — इन चार पुरुषार्थों का प्रतीक है। यह नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर, मानसिक तनाव और चिंता से भी रक्षा करता है। सांस से जुड़ी समस्या को दूर करने में भी इसका असर देखने को मिलता है

5 Mukhi Rudraksha (panchmukhi rudraksha) for – मिथुन, धनु और वृश्चिक राशि

panchmukhi rudraksha
panchmukhi rudraksha

सभी रुद्राक्षों के स्वामी यानी panchmukhi rudraksha जिनके स्वामी ग्रह बृहस्पति है और दोस्तों यह रुद्राक्ष एक ऐसा प्रकार का माना जाता है जो आपको हर प्रकार का परिणाम दे सकता है पांच मुखी रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से माना जाता है जो नंदी पर विराजमान हैं।

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5 Mukhi Rudraksha benefits

पाँच मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के कालाग्नि रुद्र स्वरूप का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से दृढ़, शारीरिक रूप से स्वस्थ और भावनात्मक रूप से संतुलित होता है। and उसका स्वभाव हंसमुख और कर्मठ हो जाता है। यह रुद्राक्ष व्यक्ति के तनाव, चिंता और नकारात्मक ऊर्जा को धीरे-धीरे सोख लेता है।

रुद्राक्ष में एक रहस्यमयी और अद्भुत शक्ति होती है। जब यह आपकी नकारात्मकता को पूर्ण रूप से अवशोषित कर लेता है, तो अक्सर यह रंग बदलने लगता है और कुछ समय बाद अपने आप फट जाता है। ऐसे समय में, आपको इसे किसी पवित्र जल या नदी में प्रवाहित कर नया रुद्राक्ष धारण कर लेना चाहिए।

यह रुद्राक्ष एक ऐसा दिव्य उपहार है, जिसे कोई भी व्यक्ति—बिना अपनी राशि या जातक कुंडली की चिंता किए—धारण कर सकता है। पाँच मुखी रुद्राक्ष पंचतत्त्वों—जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश—का प्रतिनिधित्व करता है, जिनसे यह सम्पूर्ण ब्रह्मांड बना है।

इसके नियमित प्रयोग से मधुमेह, हृदय रोग और पाचन से संबंधित समस्याओं में भी राहत मिलती है। यदि विशेष राशियों की बात करें, तो मिथुन, धनु और वृश्चिक राशि वालों के लिए यह रुद्राक्ष विशेष रूप से शुभ और प्रभावशाली माना गया है।

6 Mukhi Rudraksha for – वृषभ, तुला राशि

यह भगवान कार्तिकेय का प्रतिनिधित्व करता है उन्हें सदानन्द भी कहा जाता था क्योंकि उनके छह चेहरे थे और इसका शासक ग्रह शुक्र है

6 Mukhi Rudraksha benefits

छह मुखी रुद्राक्ष का संबंध भगवान कार्तिकेय से माना जाता है, जो देवताओं के सेनापति हैं और भगवान शिव के पुत्र भी हैं। यह रुद्राक्ष शुक्र ग्रह से भी जुड़ा होता है, जो जीवन में विलासिता, प्रेम, कला, सौंदर्य, अभिनय, और सार्वजनिक प्रभाव को नियंत्रित करता है। alsoइस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने जीवन में प्रेम, संबंध, और सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि अनुभव करता है।

भगवान कार्तिकेय स्वयं इतने शक्तिशाली हैं कि उन्हें छह दिशाओं – पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ऊपर और नीचे – का स्वामी माना गया है। इसलिए यह रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को सभी दिशाओं से संपत्ति, समृद्धि, और भाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

यदि किसी व्यक्ति को गले, चेहरे, या आंखों से संबंधित कोई रोग है, जैसे मोतियाबिंद, आंखों की रोशनी में कमी या त्वचा की कोई बीमारी, तो इस रुद्राक्ष को धारण करने या इसका जल पीने से बहुत लाभ मिलता है।

इस रुद्राक्ष को धारण करने से महिलाओं से जुड़े संबंधों जैसे – मां, बहन, पत्नी, सहकर्मी – सभी से प्रेम और सम्मान की प्राप्ति होती है। वृषभ (Taurus) और तुला (Libra) राशि के जातक विशेष रूप से इसे धारण कर सकते हैं। साथ ही वे लोग भी, जिनकी कुंडली में शुक्र कमजोर हो या जो जीवन में शुक्र संबंधी फल चाहते हों, वे इस रुद्राक्ष से विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

7 Mukhi Rudraksha for – मकर, कुंभ, तुला राशि

इससे लक्ष्मी रुद्राक्ष के नाम से भी जाना जाता है और इसका स्वामी ग्रह शनि है।

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7 Mukhi Rudraksha benefits

सात मुखी रुद्राक्ष को विशेष रूप से वित्तीय स्थिरता, धन, और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए पहना जाता है। and यह रुद्राक्ष उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है जो अपने करियर, व्यवसाय, या व्यक्तिगत जीवन में सफलता और समृद्धि पाना चाहते हैं। यह रुद्राक्ष न सिर्फ आर्थिक रूप से मज़बूती देता है, बल्कि आत्मबल और आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।

अगर कोई व्यक्ति शनि की साढ़े साती, महादशा या ढैय्या जैसी कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा हो, तो सात मुखी रुद्राक्ष उसे शनि के दुष्प्रभाव से सुरक्षा प्रदान करता है। शनि के कारण उत्पन्न बाधाएं, विलंब या मानसिक तनाव इस रुद्राक्ष के प्रभाव से धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। also माना जाता है कि इसे पहनने से गुप्त धन या अचानक लाभ की भी संभावनाएं बनती हैं।

शास्त्रों के अनुसार, यह रुद्राक्ष महालक्ष्मी का प्रतीक भी माना गया है, जिससे जीवन में ऐश्वर्य और समृद्धि आती है। कई बार तुला राशि वालों को और कभी-कभी मिथुन राशि वालों को भी सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।

यदि आप शनि की दशा से डरते हैं या आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं, तो सात मुखी रुद्राक्ष आपके लिए एक दिव्य उपाय साबित हो सकता है। इसके चमत्कारिक प्रभावों को एक बार अनुभव करके देखिए, बदलाव स्वयं महसूस होगा।

8 Mukhi Rudraksha for – वृश्चिक राशि

यह भगवान गणेश का प्रतिनिधित्व करता है यह राहु द्वारा शासित है।

8 Mukhi Rudraksha benefits

राहु आपकी आध्यात्मिकता, आपके योग, गूढ़ विद्या, आपकी जिज्ञासा, आपके तेज दिमाग, आपकी याददाश्त का प्रतिनिधित्व करता है and इस रुद्राक्ष को बाधाओं को दूर करने वाला कहा जाता है then आपको लगता है कि जीवन में हर जगह समस्या है अगर मैं जीवन में एक काम शुरू करता हूं तो वह बिना किसी बाधा के खत्म नहीं होता है तो दोस्तों आठ मुखी रुद्राक्ष आपके लिए बना है।

9 Mukhi Rudraksha for – कुंभ राशि

नौ मुखी रुद्राक्ष नौ देवियों का प्रतिनिधित्व करता है इसके साथ ही इस पर छाया ग्रह केतु का भी शासन है

9 Mukhi Rudraksha benefits

नौ मुखी रुद्राक्ष नकारात्मकता को दूर करने वाला or आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रत्न है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो खुद की आलोचना करते हैं और गुस्से या अपराधबोध से जूझते हैं। इसे पहनने से मानसिक शांति मिलती है।

also आध्यात्मिक जागृति बढ़ती है। यह मानसिक दुख, दर्द, and पुराने कष्टों से मुक्ति दिलाने में भी मदद करता है, खासकर कठोर कुंभ राशि के जातकों के लिए उपयुक्त है।

10 Mukhi Rudraksha for all rashi

इसका संबंध दशावतार भगवान विष्णु से माना जाता है। इसे 10 दिशाओं को नियंत्रित करने वाला भी माना जाता है। also इसे नवग्रह रुद्राक्ष भी कहा जाता है।

10 mukhi rudraksha benefits

अगर घर में वासु दोष हो या नया घर हो, तो मानसिक शांति की कमी होती है, खासकर अगर नींद नहीं आती हो। शिवपुराण में बताया गया है कि 10 मुखी रुद्राक्ष पहनने से इन बीमारियों से मुक्ति मिलती है। and समय के साथ सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। यह रुद्राक्ष पहनने वाले के घर में भगवान विष्णु का आशीर्वाद और मार्गदर्शन हमेशा बना रहता है।

जिससे उनकी रक्षा होती है। विशेष रूप से जिनकी राशि धनु या मीन है, या जिनकी कुंडली में बृहस्पति 1, 5 या 9वें घर में है, उन्हें 10 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। अगर आपको अपनी राशि या जन्मतिथि का पता नहीं है, तो बिना झिझक के यह रुद्राक्ष पहन सकते हैं, और कन्या राशि के लोग भी इसे पहन सकते हैं।

11 Mukhi Rudraksha for – मेष, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि

यह भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार का प्रतिनिधित्व करता है यह हनुमानजी का प्रतिनिधित्व करता है।

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11 mukhi rudraksha benefits

यह रुद्राक्ष हनुमानजी का प्रतीक है or इसे नकारात्मक शक्तियों andकाले जादू से बचाव के लिए उपयोगी माना जाता है। यदि आपको भूत-प्रेत या किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का सामना हो, तो यह रुद्राक्ष विशेष रूप से मदद करता है।

हनुमानजी के प्रभाव से यह रुद्राक्ष मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है, also आत्मविश्वास को बढ़ाता है और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। स्कंद पुराण में भगवान शिव ने 11 मुखी रुद्राक्ष के बारे में बताया है, जो रुद्र रूप से संबंधित है।

also हनुमानजी का प्रतीक है। इसे पहनने वालों को विशेष रूप से मेष, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ माना जाता है।

12 Mukhi Rudraksha for – मेष, कर्क और सिंह राशि

इसका प्रतिनिधित्व सूर्य ग्रह करता है और इसका संबंध भगवान विष्णु से है इसका स्वामी ग्रह भी सूर्य है जिसके कारण यह आपके लिए प्रसिद्धि, व्यापार, राजनीति, अधिकार लाता है

12 mukhi rudraksha benefits

यदि आप नेतृत्व क्षमता रखते हैं और किसी महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं, or अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करना चाहते हैं, then 12 मुखी रुद्राक्ष आपके लिए बहुत फायदेमंद है। यह आपके मस्तिष्क को तेज बनाता है, नकारात्मक विचारों को दूर करता है और बुरी आदतों से मुक्ति दिलाता है।

इसका संबंध भगवान सूर्य से है, जो ऋग्वेद में सभी नक्षत्रों, राशियों और ग्रहों के राजा माने गए हैं। सूर्य की उपस्थिति से ब्रह्मांड में प्रकाश और जीवन है। यदि आप इस रुद्राक्ष को सही विधि से धारण करते हैं, तो यह आपको बड़ी बीमारियों से राहत दे सकता है।

सूर्यपुराण में भी इसके लाभों का उल्लेख है। and इसे धारण करने से पहले मंत्र “ॐ क्रौं श्रोम रोम नमः” का जाप करें। यह रुद्राक्ष मेष, कर्क or सिंह राशि के लोगों के लिए विशेष लाभकारी है।

13 Mukhi Rudraksha for – मिथुन, कर्क, सिंह और तुला राशि

यह भगवान इंद्र और भगवान काम का प्रतिनिधित्व करता है और इसका स्वामी ग्रह शुक्र है

13 mukhi rudraksha benefits

इसका उपयोग आकर्षण बढ़ाने के लिए किया जाता है आपको एक अलग तरह की आभा मिलती है जो लोग शीर्ष कलाकार या अभिनेता बनना चाहते हैं या जो पहले से ही हैं यदि आपके पास कला से संबंधित कोई भी काम है तो यह रुद्राक्ष आपके लिए है और मिथुन राशि, कर्क राशि, सिंह राशि और तुला राशि के लोग इसे पहन सकते हैं।

14 Mukhi Rudraksha

इस रुद्राक्ष का निर्माण भगवान शिव की तीसरी आंख से माना जाता है यह सबसे शक्तिशाली रुद्राक्ष में से एक है यह प्रत्येक ग्रह को नियंत्रित कर सकता है शनि को इसका स्वामी ग्रह माना जाता है

14 mukhi rudraksha benefits

यदि आप उच्च अंतर्ज्ञान या आध्यात्मिक जागृति की अनुभूति करना चाहते हैं, तो गले में 14 मुखी रुद्राक्ष पहनना या हार के रूप में इसे धारण करना अत्यधिक लाभकारी है। and यह रुद्राक्ष आपकी निर्णय क्षमता को सशक्त बनाता है or आपकी मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है। then इस रुद्राक्ष का संबंध भगवान हनुमान से भी जोड़ा जाता है, जो शुद्ध भक्ति और साहस के प्रतीक माने जाते हैं।

इस रुद्राक्ष को पहनने से आपको मोक्ष की प्राप्ति की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। दरअसल, भगवान शिव ने हनुमानजी को अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए इस रूप में अवतार लिया था, जिसके कारण संकटमोचन हनुमानजी आज भी हमारे बीच जीवित हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान कर रहे हैं।

also आपकी राशि कुंभ हो, मकर हो, मीन हो या कोई भी अन्य राशि हो, आप इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। and आप जीवन में ऊँचे आध्यात्मिक लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं, also जीवन में किसी बड़ी समस्या का समाधान खोज रहे हैं, तो 14 मुखी रुद्राक्ष आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। यह रुद्राक्ष आपके जीवन को संतुलित करने और संकटों से उबारने का एक शक्तिशाली साधन है।

Best Rudraksha for career growth in Kundali

अगर आपके करियर में बार-बार रुकावटें आ रही हैं, कोई भी काम पूरा होने से पहले अटक जाता है, या अगर आप नया बिजनेस, नई नौकरी या प्रमोशन की कोशिश कर रहे हैं — तो 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत शुभ रहता है।

आठमुखी रुद्राक्ष का संबंध भगवान गणेश से है, जो विघ्नहर्ता और सफलता के देवता माने जाते हैं। करियर में तेजी से प्रगति, नई जिम्मेदारियों को निभाने की क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।

यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो करियर में लगातार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं या जिनका प्रमोशन अटक गया हो।

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Free Rudraksha analysis by date of birth

फ्री में Date of Birth” (जन्मतिथि) के आधार पर आपके लिए कौन-सा रुद्राक्ष सबसे अच्छा रहेगा, यह मुख्य रूप से आपकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति, राशि, और ग्रह दोषों पर निर्भर करता है। यहा उदाहरण के साथ,

अब मैं आपको एक ऐसा तरीका बताऊंगा जो न केवल ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सटीक है। बिल्कुल एक अनुभवी ज्योतिषी की तरह, लेकिन आसान और सरल शब्दों में, ताकि आप आसानी से समझ सकें।

Which Rudraksha is best for me by date of birth

यहा आपको पता चलेगा की जन्मतिथि से आपके सूर्य, चंद्र और लग्न की राशि व ग्रह स्वामी का निर्धारण होता है, इसलिए अपने राशिवालों के स्वामी ग्रह को बल देने वाला रुद्राक्ष (जैसे नाम है धर्मबीर, जन्मतिथि 22 जुलाई 2003, और राशि है धनु (Sagittarius)।

धर्मबीर (धनु राशि) के लिए रुद्राक्ष सुझाव:

➔ राशी अनुसार ग्रह स्वामी:

धनु राशि के स्वामी हैं बृहस्पति (Jupiter)।

➔ बृहस्पति ग्रह के लिए शुभ रुद्राक्ष:

5 मुखी रुद्राक्ष (Panchmukhi Rudraksha) — बृहस्पति को बल देता है।

यह ज्ञान, बुद्धि, आत्म-विश्वास और करियर में स्थिरता देता है।

पढ़ाई, नौकरी और लाइफ में सही निर्णय लेने की शक्ति भी बढ़ाता है।

➔ करियर ग्रोथ और बाधा निवारण के लिए अतिरिक्त सुझाव:

7 मुखी रुद्राक्ष भी साथ में धारण किया जा सकता है।

क्योंकि 7 मुखी रुद्राक्ष शनि को संतुलित करता है, और शनि करियर में लेट प्रमोशन, संघर्ष या रुकावटें पैदा कर सकता है।

➔ अगर जीवन में रुकावटें आ रही हों, प्रमोशन या सफलता में देरी हो रही हो —

तब 8 मुखी रुद्राक्ष (भगवान गणेश का प्रतीक) भी बहुत लाभकारी रहेगा, जिससे करियर में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं। धर्मबीर को मुख्य रूप से 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

Rudraksha for success and wealth

रुद्राक्ष का उपयोग सफलता और धन प्राप्ति के लिए एक शक्तिशाली साधना के रूप में किया जाता है। प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष का विशेष लाभ होता है, जो व्यक्ति के जीवन में वित्तीय समृद्धि और सफलता लाने में मदद करता है।

7 मुखी रुद्राक्ष देवी लक्ष्मी से जुड़ा होता है और यह समृद्धि, वित्तीय स्थिरता, और धन में वृद्धि करने के लिए उपयुक्त है। यह व्यापारियों, निवेशकों और उद्यमियों के लिए आदर्श होता है।

1 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव से संबंधित है और यह उच्चतम चेतना, नेतृत्व, और सफलता का प्रतीक है। यह व्यवसायिक नेताओं और आध्यात्मिक साधकों के लिए फायदेमंद है।

13 मुखी रुद्राक्ष भगवान इन्द्र और कामदेव से जुड़ा हुआ है, जो वित्तीय योजनाओं, आकर्षण, और रचनात्मकता में वृद्धि करता है। यह विशेष रूप से उद्यमियों और बिक्री पेशेवरों के लिए उपयुक्त है।

8 मुखी रुद्राक्ष भगवान गणेश से संबंधित होता है, जो जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है और सफलता व वित्तीय लाभ प्रदान करता है। यह उन पेशेवरों के लिए सबसे उपयुक्त है जो किसी न किसी परेशानी का सामना कर रहे होते हैं।

21 मुखी रुद्राक्ष भगवान कुबेर से जुड़ा होता है और यह धन को आकर्षित करने और उसे सुरक्षित रखने के लिए लाभकारी है। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो धन संचय करना चाहते हैं।

रुद्राक्ष कितने मुखी होते हैं और कैसे पहचाने ?

Types of Rudraksha
Types of Rudraksha

रुद्राक्ष के मुखों की संख्या का महत्व बहुत है, क्योंकि हर मुखी रुद्राक्ष का एक विशेष अर्थ और प्रभाव होता है। रुद्राक्ष के मुखों की संख्या आमतौर पर 1 से लेकर 21 तक हो सकती है, और प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है।

रुद्राक्ष के मुखों की पहचान उसके बाहरी आकार और रेखाओं के आधार पर की जाती है। इसे देखकर या सूक्ष्म दृष्टि से देखा जा सकता है कि रुद्राक्ष में कितने मुख हैं। जिनते मुख उतने मुखी रुद्राक्ष ।

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Conclusion

rudraksh का चयन आपकी करियर और धन संबंधित समस्याओं को दूर करने में अहम भूमिका निभा सकता है, खासकर जब इसे आपकी राशी और जन्म कुंडली के आधार पर पहना जाए। हर राशि के लिए एक विशेष रुद्राक्ष होता है।

जो कार्यक्षेत्र में उन्नति, वित्तीय समृद्धि और जीवन में स्थिरता लाने में मदद करता है। सही रुद्राक्ष धारण करने से न केवल ग्रहों का प्रभाव संतुलित होता है, बल्कि यह आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने के मार्ग को भी सरल बना सकता है।

FAQS- About rudraksha

रुद्राक्ष के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों में उसकी उत्पत्ति, मुखों की संख्या, और पहनने के लाभ शामिल होते हैं। यह दिव्य आभूषण मानसिक शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इसके उपयोग के सही तरीके और इसके प्रभावों को जानने के लिए लोगों के मन में कई सवाल होते हैं।

Q- क्या रुद्राक्ष को रोज पहन सकते हैं?

Ans – हाँ, लेकिन साफ-सफाई और शुद्ध आचरण पर ध्यान देना जरूरी है।

Q- Can we eat non veg after wearing rudraksha?

रुद्राक्ष पहनने के लिए किसी खास आहार या भोजन पर कोई पाबंदी नहीं है। अगर कोई मांसाहारी भोजन करता है, जैसे मटन, चिकन, मच्छली, या अंडा, तो भी वह रुद्राक्ष पहन सकता है। यह पूरी तरह से शास्त्रों और पुराणों में वर्णित है कि रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति का कल्याण होता है, चाहे वह किसी भी आहार का पालन करता हो।

यह भी बताया गया है कि रुद्राक्ष पहनने के लिए किसी विशेष समय या शर्तों की जरूरत नहीं होती, और न ही खानपान को लेकर कोई बंधन होता है। इस प्रकार के मिथक को समझने की जरूरत है, और यह स्पष्ट किया गया है कि शिवजी के भक्त चाहे जैसे भी भोजन करें, उनके भक्त बनने में कोई रोक नहीं है।

Q- Can ladies wear rudraksha during periods

हाँ, महिलाएँ अपनी मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष पहन सकती हैं, लेकिन कुछ लोग इसे पहनने से बचने की सलाह देते हैं, क्योंकि रुद्राक्ष को एक पवित्र और शुद्ध वस्तु माना जाता है।

धार्मिक दृष्टिकोण से, कुछ लोग मानते हैं कि मासिक धर्म के समय शरीर में होने वाले बदलावों के कारण रुद्राक्ष की शक्ति प्रभावित हो सकती है। हालांकि, ये तो महिलाओं को हिल करने में मदद करता है।

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