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Guru Chandal Dosh जानिए इसके प्रभाव और निवारण के उपाय

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नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम Guru Chandal Dosh के बारे में चर्चा करेगे की यह हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है।वैदिक ज्योतिष की जटिल रचना में, गुरु चांडाल दोष, जिसे अक्सर गुरु चांडाल योग कहा जाता है, जिज्ञासा और चिंता दोनों का स्थान रखता है।

हिंदू ज्योतिष में गुरु चांडाल दोष एक महत्वपूर्ण ग्रहणीय स्थिति मानी जाती है। गुरु ग्रह और राहु या केतु की विशेष स्तिथि में आने से इस दोष की उत्पति होती है।

वह कौन सी स्तिथि है जानने की लिए इस लेख पैर बने रहे। तो चलिए guru chandal dosh in hindi में शुरू करते हैं।

What Is Guru Chandal Dosh ?

आपको अच्छे परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है। इसका कारण आपकी कुंडली में कोई दोष हो सकता है। या कुंडलदी में कोई ग्रह आपके साथ नहीं चल रहा होता है। जिससे सफलता में देरी होती है। या मिलती ही नहीं है।

guru chandal dosh उनमे से ही एक है। पहले समझिए, गुरु चंडाल का नाम कैसे रखा गया। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहते। जबकि चांडाल- राहु और केतु को, जोकी  दो राक्षस है। गुरु और इन दो राक्षसों के किसी जातक की कुंडली में एक ही घर में होने से बनता  guru chandal dosh है।

ज्योतिष में गुरु (बृहस्पति) ज्ञान, विद्या, और आध्यात्मिकता का ग्रह है। और राहु को सांसारिक इच्छाएं और आसक्ति से जोड़ा जाता है,

जबकि केतु को आध्यात्मिकता और वैराग्य से संबंधित बताया जाता है। यह संयोजन एक शक्तिशाली परंतु,अशुभ ऊर्जा उत्पन्न करता है जो एक व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डाल सकती है।

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Guru Chandal Dosh Effects

गुरु चांडाल दोष का प्रभाव पेचीदा और चुनौतीपूर्ण दोनों हो सकता है। इस दोष प्रभाव के तहत पैदा हुए व्यक्तियों को अपने जीवन-सेली में उतार-चढ़ाव, नैतिक दुविधाओं और आध्यात्मिक विकास और सांसारिक गतिविधियों के बीच संतुलन बनाने के संघर्ष का अनुभव होता है।

  1. इससे मानसिक अस्थिरता, निर्णय लाइन में कठिनाई और नकारमतक विचारों का आना आपको परेशान कर सकता है।
  2. व्यक्तियों को अपने करियर में बाधाएं हो सकती हैं और आर्थिक तंगी बनी रहती हैं।
  3. कड़ी मेहनत के बावजूद, सफलता दुर्लभ दिख सकती है।
  4. यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को खराब करता है। जैसे लिवर, पित्ताशय, और पाचन संबंधी रोग हो सकते हैं।
  5. इस दोष से प्रभावित व्यक्ति को व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों में सुखद संबंध बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है।
  6. व्यक्ति किसी भी गलत संगति का शिकार हो सकता है।
  7. परिवार में मनमुटाव हो सकता है। बाप-बेटे में झगडे हो सकते है। कृपया धर्य से काम ले।

यदि आप इन लक्षणों को अपने जीवन में देखते हैं तो आपकी कुंडली में गुरु चंदल दोष हो सकता है। इससे बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करें।

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Guru Chandal Dosh Ke Upay

वैदिक ज्योतिष में गुरु चांडाल दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कई यहां कुछ प्रभावी उपाय बताए गए हैं।

  1. नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करें और उनसे आशीर्वाद ले।
  2. उच्च गुणवत्ता वाला पीला नीलमणि (पुखराज) रत्न पहने।
  3. पीले रंग के कपड़े, चने की दाल, घी, सोना या वस्त्रों का दान करे।
  4. बृहस्पतिवार(Thursday) को उपवास करना और पूजा करना पॉजिटिव परिवर्तन ला सकता है।
  5. अपने पूज्ये गुरु से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गुरु पूजा करना बहुत फायदेमंद हो सकता है।
  6. मास-मदिरा के सेवन से परहेज करे।
  7. गुरूवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें।
  8. घर के बड़ेबुजुर्ग का सम्मान करे। सप्ताह में किसी धार्मिक स्थल पर यात्रा करे।
  9. गुरुवार को पीले रंग के फूलों को भगवान विष्णु के चरणों  अर्पित करे।
  10. नीले रंग से बनी कोई भी वस्तु न पहने।

Guru Chandal Dosh Nivaran Mantra

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नीचे दिए गए मंत्रो का श्रद्धा से जाप करे।

मन्त्र -1 नियमित रूप से रोज सुबह गायत्री मंत्र का हल्दी की माला से 108 बार जाप करें। जाप करते समय गले में सोने या पीतल का टुकड़ा पहने। इससे दोष निवारण में ज्यादा सहायता मिलेगी।

मन्त्र -2 आप भगवान शिव को समर्पित महा मृत्युंजय मंत्र का भी जप कर सकते है।

मन्त्र -3 ॐ ब्रीं बृहस्पतये नमः॥ 

गुरु चांडाल दोष से ग्रस्त होने पर यह मंत्र कारगर रहता है। इस मंत्र को नियमित रूप से जाप करने से ग्रह दोषों का निवारण होता है। इसे प्रतिदिन 108 बार जाप करने से प्रभाव बढ़ता है।

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Chandal Dosh पूजा की विधि

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गुरु चांडाल दोष की पूजा गुरुवार को करना शुभ माना जाता है। गुरुवार, सप्ताह का पांचवा दिन होता है। इसे गुरु ग्रह के समर्पित माना जाता है इसी दिन गुरु चांडाल दोष की पूजा करने से आपको अधिक लाभ मिलता है।

  1. सामग्री:
    1. गुरुवार को वृक्ष व्रत के तहत पीपल वृक्ष की पूजा करें।
    2. श्री विष्णु या बृहस्पति की मूर्ति या फोटो रखे।
    3. पूजा के लिए सामग्री जैसे फूल, धूप, दीपक, अगरबत्ती, नैवेद्य, चावल, कुमकुम, गंध और नरियल आदि सामग्री को एकत्रित करे।
    पूजा विधि:
    1. सबसे पहले पवित्र स्थान या विशेष पूजा स्थल की सफाई करें।
    2. वृक्ष व्रत के तहत पीपल के वृक्ष को सजाकर उसके नीचे आसन बिछाएं।
    3. वृक्ष की जड़ों के आसपास श्री विष्णु या बृहस्पति की मूर्ति या फोटो रखें।
    4. धूप, दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
    5. गणेश जी की पूजा करें। उन्हें दूर्वा और फूलों से पूजें।
    6. गुरु मंत्र का 108 बार जाप करें: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।”
    7. गुरु मंत्र के जाप के बाद, फूल, चावल, कुमकुम, गंध और नरियल को दीपक के साथ वृक्ष को चढ़ाएं।
    8. श्री विष्णु या बृहस्पति की मूर्ति को भी फूलों और चावल से पूजें।
    9. नैवेद्य(भगवान या देवता को भोजन का अर्पण करना) बनाएं और वृक्ष को भोजन के रूप में चावल, दाल, सब्जी, रोटी आदि खिलाएं।
    10. पूजा के बाद, वृक्ष के नीचे ध्यान करें और अपनी इच्छा पूरी होने की प्रार्थना करें।
    11. पूजा समाप्त होने पर भजन और कीर्तन करें, और आरती उतारें।

यदि आप यह पूजा करने की योजना बना रहे हैं, तो मैं सुझाव दूंगा कि आप इसे किसी अनुभवी पंडित द्वारा करवाएं। इससे पूजा का प्रभाव अधिक होगा और आपको सभी समस्याओं का निवारण हो सकता है।

Frequently Asked Questions FAQs

Guru Chandal Dosh से सम्बंदित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न। इस लेख से जुडी आपके मन में  कोई संका है तो comment box में जरूर पूछिए हम आपका उत्तर देने की कोशिश करंगे।

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Q-1 गुरु चांडाल दोष को शांत करने के लिए कौन से रत्न पहनने की सलाह दी जाती है?

Ans- पीला नीलमणि (पुखराज) और हेसोनाइट (गोमेद) कुछ ऐसे रत्न हैं जिनकी सिफारिश बृहस्पति और राहु की ऊर्जा को संतुलित करने के लिए की जाती है, जिससे दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

Q-2 क्या गुरु चांडाल दोष स्थायी है, या यह समय के साथ बदल सकता है?

Ans- गुरु चांडाल दोष स्थायी नहीं है और यह समय के साथ ग्रहों के अपनी कक्षाओं में घूमने के साथ बदल सकता है। इसके अतिरिक्त, उपचारात्मक उपायों के माध्यम से दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

Q-3 गुरु चांडाल दोष होने पर किसकी पूजा करनी चाहिए?

Ans- यह दोष होने पर आपको माँ सरस्वती और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।

Q-4 मैं गुरु चांडाल दोष का प्रभाव कैसे कम कर सकता हूँ?

Ans- आप सकारात्मक आदतों को अपनाकर, आध्यात्मिक अभ्यास करके, और घर के बड़े सदस्यों और अपने गुरुजन की सेवा के माध्यम से इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।

Q-5 कौन से भाव में गुरु चांडाल दोष ज्यादा खतरनाक होता है ?

Ans- अगर किसी जातक की कुंडली में यह दोष लगन(प्रथम)भाव,पंचम भाव या नवम भाव में हो तो। इसके ज्यादा दस प्रभाव देखने को मिलेगे।

निष्कर्ष –

Guru Chandal Dosh ज्योतिषीय योग है जिसका प्रभाव आपके जीवन पर होता है। यह आपके आध्यात्मिक और व्यक्तिगत विकास की दिशा में मदद करता है।

सकारात्मक सोच, स्वयंसमर्पण, और सेवा से आप इसे पार कर सकते हैं। योग और मेडिटेशन भी आपके आध्यात्मिक सफर में मदद कर सकते हैं। इससे आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ने का अवसर मिलता है।

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