नमस्कार दोस्तों mangal graha से जुडी सारी जानकरी यहा आपको मिलेगी। तो सबसे पहली बात यह की मंगल ग्रह है। देखिये मंगल को भूमिपुत्र भी कहा जाता है।
also भोम भी कहा जाता है। बहुत सारे नाम से मंगल को जाना जाता है। मंगल हमारे कुंडली के पहले और आठवें घर को रूल करते हैं। जिसके पास जीवन और मृत्यु दोनों का अधिकार है। लग्न यानी आपका शरीर। आपके शरीर को पुष्टि देना भी मंगल का काम है।
उसमें एनर्जी ऐंठूसियाज्म पैशन ऊर्जा इन सब का संचरण भी mangal graha करता है। इन सब चीजों के आलावा आपको इस लेख में जानने को मिलेंगा। तो चलिए जानते है। mangal graha के bad effects के लक्षण और बढ़िया उपाय।
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Importance Of Mangal Graha
mangal graha हमारे सौरमंडल का एक महत्वपूर्ण ग्रह है जो धरती के निकटतम पड़ाव पर स्थित है। यह ग्रह भी अन्य ग्रहों की तरह हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है।
मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति माना जाता है जैसे सूर्य राजा है बुद्ध मंत्री है। यह शक्तिपूजा आत्मविश्वास and पराक्रम का स्वामी है। आपके जीवन में शक्ति कितनी है आपके जीवन में ऊर्जा कितनी है आत्मविश्वास कितना है और आपके अंदर पराक्रम कितना है।
यह सब mangal graha पे depend होता है। also इसका मुख्य तत्व अग्नि है। मंगल फायर एलिमेंट का मालिक है। also 75परसेंट मंगल फायर है थें पच्चीस परसेंट वाटर एलिमेंट है।
75परसेंट अग्नि तत्व होने के कारण इसका रंग लाल है। तांबा(copper) इसकी प्रमुख धातु है। also मंगल का प्रिय अनाज जो है। जोकि गेहू की तरह होता है।
कमजोर Mangal Graha Ke lakshan
देखिए mangal graha के बहुत ज्यादा लक्ष्ण होते है। जोकी यहां अच्छे से बताये गए है। अगर कमजोर होगा तो व्यक्ति में साहस की कमी होगी। व्यक्ति डरपोक बनता जाएगा। also सही निर्णय नहीं ले पाएगा जिससे आगे बढ़कर के काम नहीं कर पाएगा।
also वह छोटी-छोटी चीजों को लेकर परेशान होंगे। then छोटे-छोटे डिसीजंस भी आप सही समय पर नहीं ले पाएंगे। and इन छोटे-छोटे निर्णयों में आप अक्षर फस जाएंगे। व्यक्ति के अंदर जोखिम उठाने की हिम्मत नहीं होगी।
आपके रिस्क factor जैसे की मैं जीवन में risk ले लूं नौकरी बदल लूं या ना बदलूं ,मैं पैसे लगा दूं ना लगाऊ जो रिस्क फैक्टर है वह थोड़ा कमजोर हो जाता है। and अगर कुंडली में मंगल कमजोर है तो व्यक्ति की त्वचा पर अक्षर काले धब्बे पड़ जाते हैं।
अक्षर ब्लैक स्पॉट्स व्यक्ति के स्किन पर रहते हैं।then आपका पाचन तंत्र भी अच्छे से काम नहीं करेगा। आपके स्टमक की फायर जिसे जठराग्नि कहते हैं। वह कमजोर हो जाती है। also खाना पचने में वक्त लगता है।
also आप लोगों के पेट के बीच में मीठा मीठा दर्द होता रहता है अक्सर लोगों के पेट में भारीपन या पेट में हलके हलके दर्द का अनुभव निश्चित रूप से होता रहता है। ये सभी mangal graha के कमजोर होने के लक्षण होते है।
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mangal grah ke upay
- रविवार को रंगा कपड़ा पहनकर लाल फूलों की माला से मंगल की पूजा करें।
- मंगल को मजबूत करने के लिए रोजाना सूर्य को जल अर्पण करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- नारंगी रंग का रुमाल साथ रखें।
- mangal graha stone: मूंगा रत्न को अंगूठे में पहनने से मंगल के दोष को दूर किया जा सकता है।
- दान करें: लाल कपड़े और मसूर की दाल का दान करें, जो मंगल के प्रसन्नता में मदद करता है।
- मंगल ग्रह के बीज मंत्र: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” यह मंत्र मंगल ग्रह के उपासना में प्रयोग किया जाता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से मंगल के प्रभाव को शांत किया जा सकता है।
- मंगल को मजबूत करने के लिए अनाज के आटे में थोड़ा गुड़ मिलाकर भोजन करें। भोजन करते समय कुर्सी पर बैठकर नहीं बल्कि जमीन पर बैठकर खाना ग्रहण करें।
- तांबे के पात्र से जल ग्रहण करना भी लाभदायक होता है।
- मंगल को मजबूत करने के लिए संबंधों को साफ-सुथरा रखें और अपने व्यवहार में परिवर्तन करें।
Rudraksha For Mangal Graha
तीन मुखी रुद्राक्ष एक विशेष प्रकार की रुद्राक्ष है जो मंगल देवता से जुड़ी होती है। इसके धारण से मंगल और सूर्य से संबंधित ग्रहों का नाश होता है। इसका धारण करने से चेहरे की त्वचा में चमक आती है और बालों की वृद्धि होती है।
यह विद्यार्थियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है, also उन्हें ऊर्जा और साहस बढ़ता है। then ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष और वृश्चिक राशि के लोगों के लिए भी तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना फायदेमंद होता है।
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3 mukhi rudraksha benefits
- चेहरे का तेज बढ़ता है: तीन मुखी रुद्राक्ष का धारण करने से चेहरे का तेज बढ़ता है also बल की वृद्धि होती है।
- ऊर्जा और साहस में वृद्धि: इसके धारण से व्यक्ति के अंदर ऊर्जा और साहस की वृद्धि होती है, जो उसे कार्यों में सफल बनाती है।
- मंगल ग्रह के प्रभाव का निवारण: तीन मुखी रुद्राक्ष का धारण करने से मंगल और सूर्य से संबंधित ग्रहों का नाश होता है, जो कि ज्योतिष शास्त्र में भी उत्तम माना जाता है।
3 mukhi rudraksha को धारण कैसे करें ?
रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले रंग के धागेमें ही धारण करना चाहिए। इसे अशुद्ध हाथों से नहीं धारण किया जाना चाहिए also स्नान करने के बाद धारण किया जाना चाहिए। धारण करते समय “ॐ नमः शिवाय” का उच्चारण करना चाहिए।
रुद्राक्ष को किसी दूसरे को नहीं देना चाहिए। अगर आप रुद्राक्ष की माला बनवा रहे हैं, तो समझें कि विषम संख्या में ही रुद्राक्ष का उपयोग करें।
Mangal Graha Effects
सकारात्मक प्रभाव: मंगल साहस, संघर्षशीलता और नेतृत्व गुणों से जुड़ा है। मंगल का सकारात्मक प्रभाव वाले व्यक्तियों में साहस, उत्साह और साहस की गुणवत्ता देखी जा सकती है।
नकारात्मक प्रभाव: उलझनों, क्रोध और संघर्षों के साथ, कमजोर या विकलंग मंगल नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। also हम मंगल के अशुभ प्रभावों के संभावित खतरों पर गहराई से जाते हैं also उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षेत्रों पर प्रभाव को अन्वेषित करते हैं।
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Mangal Graha Mandir Amalner
अमलनेर में स्थित मंगल ग्रह मंदिर, मंगल की कृपा और शांति की प्राप्ति के लिए लोकप्रिय है। also यह best temple है जोकि mangal dosha pooja के लिए उपयोगी है। also यहां पर मंगल की पूजा और अर्चना नियमित रूप से की जाती है, then लोग विशेष अवसरों पर इस मंदिर का दौरा करते हैं।
मंदिर के पास एक विशाल परिसर है जो शांति और मनोयोग्यता का आनंद देता है। यहां पर भक्तगण अपनी मंगल दोषों को दूर करने के लिए अलग-अलग उपायों का अनुसरण करते हैं
also मंगल की कृपा के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर के निकट ही प्रसिद्ध बाजार और खाद्य स्थल भी हैं, जो यात्रियों को आत्मनिर्भर बनाते हैं and स्थानीय विविधता का अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं।
Bad Effects Of Mangal Graha
mangal graha के Bad Effects के बारे में जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल को एक शक्तिशाली ग्रह माना जाता है, but जब यह अशुभ होता है, then यह व्यक्ति के जीवन में कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को क्रोध, विवाद, घमंड, अनिच्छा, अस्थिरता, and आधिक्य जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह विवाहित जीवन में संघर्ष, असंतुलन, and द्वंद्व भावना भी पैदा कर सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को चिकित्सा, कानूनी मुद्दों, और दुर्घटनाओं में भी जोखिम हो सकता है। therefore मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए उपायों का अनुसरण करना और ज्योतिषीय सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है।
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Mangal graha beej mantra
mangal graha को शांति दिलाने के लिए mangal graha beej mantra “ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:” का उच्चारण किया जाता है। वेदों और पुराणों में उपलब्ध है।
then यह मंत्र ग्रहों के शुभ फल को प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।इस मंत्र का उपयोग करके व्यक्ति को मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों से निवारण मिलता है।
also उसकी कठिनाइयों को कम किया जाता है। then इस मंत्र का नियमित 108 बारजप करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, समृद्धि, स्थिरता, संतुलन also अन्य क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। and इसे नियमित रूप से जप करके व्यक्ति मंगल ग्रह की कृपा प्राप्त कर सकता है।
निष्कर्ष-
Mangal Graha हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके प्रभाव और लक्षण भी विविधता से देखे जा सकते हैं। then मंगल ग्रह कमजोर हो तो उसके उपायों का पालन करना जरूरी है। also रुद्राक्ष का उपयोग और मंगल ग्रह के लिए बीज मंत्र का जाप भी उपयोगी होता है।
and इसके अलावा, मंगल ग्रह की पूजा करने के लिए अमलनेर में एक विशेष मंदिर भी है। मंगल ग्रह के प्रभावों को समझकर, हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए उपायों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। then इससे हमारा जीवन सुखमय और समृद्ध होता है, also हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफल होते हैं।
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FAQs- Frequently Asked Questions
Q- मंगल ग्रह की प्रिय धातु क्या है?
Ans- mangal grah की प्रमुख धातु तांबा होती है।
Q- किस राशि में मंगल ग्रह कमजोर होता है ?
Ans- वृषभ राशि में सबसे ज्यादा कमजोर होता है।
Q- किस राशि में मंगल ग्रह मजबूत होता है ?
Ans- मंगल मकर राशि में सबसे ज्यादा मजबूत होता है।
Q- मंगल ग्रह की शांति के लिए कौन-कौन से पूजा-पाठ किए जा सकते हैं?
Ans- मंगल ग्रह की शांति के लिए मंगल आराधना, हनुमान चालीसा का पाठ, और अन्य मंगल उपासना विधियां की जा सकती हैं। जोकि ऊपर बताई गई है।