हेलो दोस्तों in the article आप sharad navratri 2023 kab hai? जानिए shubh mahurat एंड Puja vidhi के बारे में जानकारी देंगे। जिससे आप sharad navratri सही pooja vidhi use करे| and इन सब के बारे में विस्तार से जानेंगे |
also आप को पता है की शरद नवरात्री (Navratri 2023) शारद पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है | then इस दिन सभी हिन्दू भकत जन माता के ९ रूपों की पूजा अर्चना करते है |
then ये त्यौहार पुरे ९ दिन चलता है | और इस साल ये 15 October 2023 से 24 October 2023 तक है | तो जानिए इस त्योर को without delay |
sharad navratri kab hai Date ? एंड navratri shubh mahurat ?
according to हिन्दू पंचांग एंड astrology sharad navratri 2023 में 15 October 2023 से 24 October 2023 तक है| below हमने आप के लिए डेट वाइज बताया है की किस दिन किस देवी की पूजा होगी |
then avratri shubh mahurat इस प्रकार है :-
sharad navratri 2023 घटस्थापना मुहूर्त :11:43:47 ते 12:29:49 कालावधी :0 तास 46 मिनट होगी |
- दिन 1 – माँ शैलपुत्री: पहले दिन की पूजा माँ शैलपुत्री को समर्पित है, जिन्हें चंद्रमा के साथ जोड़ा जाता है, जिससे चंद्रग्रह के दोष कम होते हैं।
- दिन 2 – माँ ब्रह्मचारिणी: दूसरे दिन की पूजा माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित है, जो मंगल ग्रह को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
- दिन 3 – माँ चंद्रघण्टा: तीसरे दिन की पूजा माँ चंद्रघण्टा को समर्पित है, जो शुक्र ग्रह को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
- दिन 4 – माँ कूष्मांडा: चौथे दिन की पूजा माँ कूष्मांडा को समर्पित है, जो सूर्य के कुप्रभाव से बचाव करती हैं।
- दिन 5 – माँ स्कंदमाता: पाँचवें दिन की पूजा माँ स्कंदमाता को समर्पित है, जो बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं।
- दिन 6 – माँ कात्यायनी: छठे दिन की पूजा माँ कात्यायनी को समर्पित है, जो बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
- दिन 7 – माँ कालरात्रि: सातवें दिन की पूजा माँ कालरात्रि को समर्पित है, जो शनि ग्रह को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
- दिन 8 – माँ महागौरी: आठवें दिन की पूजा माँ महागौरी को समर्पित है, जो राहु ग्रह को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
- दिन 9 – माँ सिद्धिदात्री: नौवें दिन की पूजा माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है, जो केतु ग्रह को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
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sharad navratri घटस्थापना विधि व् नियम के क्या है ?
below हमने आप क लिए सबसे महत्व पूर्ण घटस्थापना सामग्री और विदी मंत्र आदि क बारे मई जानकारी दी है। जिसे आप अपनी पूजा क दौरान उसे क्र क माता रानी से मनवांछित फल प्राप्त कर सकते है |
घटस्थापना नियम
- आपको पूरी घटस्थापना प्रक्रिया को उस दिन के तीनवां भाग से पहले पूरा कर लेना चाहिए।
- कलश स्थापना के लिए अभिजीत महूरत सबसे शुभ समय होता है।
- also घटस्थापना के लिए सबसे अच्छे नक्षत्र हैं: पुष्य, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तरा आषाढ़ा, उत्तरा भाद्रपद, हस्त, रेवती, रोहिणी, अश्विनी, मूल, श्रवण, धनिष्ठा, और पुनर्वसु।
sharad navratri घटस्थापना सामग्री
जब आप नवरात्री में कलश स्थापना करते है तो आप को कुछ इम्पोर्टेन्ट पूजा सामग्री की आवश्कता होती है | which is निचे दी गई है | अगर sharad navratri सामग्री आप क पास अवेलेबल है, then आप उसे क्र सकते है as well as आप ऐसे ऑनलाइन बे मंगवा सकते है |
● सात प्रकार के अनाज (7 तरह के धान्य) ● एक मिट्टी का बर्तन, जिसका मुँह चौड़ा हो ● पवित्र स्थल से लाई गई मिट्टी ● कलश, गंगाजल (यदि उपलब्ध नहीं हो, तो सादा पानी) ● then पत्तियाँ (आम या अशोक की) ● सुपारी ● जटावाला नारियल ● अक्षत (साबुत चावल) ● लाल वस्त्र ● फूल (पुष्प)
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घटस्थापना विधि
sharad navratri 2023 में घटस्थापना (Kalash Sathana ) का बहोत महत्व है | below विधि को फॉलो कर क आप अपनी कलश as well as घटस्थापना विधिवत कर सकते ह |
● firstly मिट्टी के बर्तन में सात धान्यों को रखें। ● अब एक कलश में पानी भरें और उसके ऊपरी हिस्से (गर्दन) में कलावा बाँधकर उसे उस मिट्टी के बर्तन पर रखें। ● then कलश के ऊपर अशोक या आम के पत्ते रखें। ● अब नारियल को कलावा से लपेट लें। ● therefore, नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पल्लव के बीच में रखें। ● then घटस्थापना पूरी होने के बाद, देवी को आह्वान किया जाता है।
sharad navratri Puja Sankalp mantra
निचे दिए गए मंत्र का उपयोग आप देवी माता व् sharad navratri Puja Sankalp mantra के लिए कर सकते है |
ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः, अद्य ब्राह्मणो वयसः परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे, अमुकनामसम्वत्सरे
आश्विनशुक्लप्रतिपदे अमुकवासरे प्रारभमाणे नवरात्रपर्वणि एतासु नवतिथिषु
अखिलपापक्षयपूर्वक-श्रुति-स्मृत्युक्त-पुण्यसमवेत-सर्वसुखोपलब्धये संयमादिनियमान् दृढ़ं पालयन् अमुकगोत्रः
अमुकनामाहं भगवत्याः दुर्गायाः प्रसादाय व्रतं विधास्ये।
नोट:- अगर आप 9 दिन नवरात्री कर रहे है तो आप ऊपर मंत्र का परयोः करे.
अगर आप २ दिन या ३ दिन का व्रत करते है तो “नवतिथिषु” को इसके अकॉर्डिंग चेंज क्र क बाकि मंत्र सेम पढ़ सकते है |
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Frequently Asked Question on sharad navratri 2023
Q. 1 what is sharad navratri ?
Ans:- Sharad Navratri is a Hindu festival that spans nine nights and is dedicated to the worship of the goddess Durga. then It usually falls in the lunar month of Ashwin, which typically corresponds to September or October in the Gregorian calendar.
Q. 2 what is the difference between chaitra navratri and sharad navratri?
Ans:- Chaitra Navratri as well as Sharad Navratri are two different Hindu festivals that both celebrate the goddess Durga but occur at different times of the year and have some distinct regional and cultural variations.
Q. 3 शरद नवरात्रि का महत्व क्या है?
Ans:- शरद नवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में मां दुर्गा की पूजा का महत्वपूर्ण त्योहार है, then जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसमें शक्ति की पूजा, ध्यान, as well as भक्ति का महत्व होता है, जिसके माध्यम से भक्त आत्मिक उन्नति प्राप्त करते हैं।
Q. 4 नवरात्रि में किस प्रकार के उपवास किए जाते हैं?
Ans :- नवरात्रि के दौरान लोग नैमित्तिक उपवास करते हैं, जिसमें वे आलस्य, मांस, और अनाज जैसे आहार का त्याग करते हैं। therefore वे फल, सबुत चावल, कट्टे अनाज, दूध, दही, मिल्क प्रोडक्ट्स, और व्रत के नियमों के according to उपभोग करते हैं।
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Q. 5 शरद नवरात्रि कितने दिन तक चलता है?
Ans:- शरद नवरात्रि नौ दिनों तक चलता है, then जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
Q. 6 नवरात्रि साल में कितनी बार आती है?
Ans:- according to हिन्दू पंचांग नवरात्रि, हर साल दो बार आती है:
- चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri): यह नवरात्रि मार्च और अप्रैल के बीच होती है और हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। then 2nd is..
- then शरद नवरात्रि (Sharad Navratri): यह नवरात्रि सितंबर और अक्टूबर के बीच होती है और अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। शरद नवरात्रि आमतौर पर सबसे पॉपुलर और विशेषत: है, जिसमें मां दुर्गा की पूजा नौ दिनों तक की जाती है।
Conclusion
accordingly नवरात्रि भारतीय हिन्दू परंपरा का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल दो बार आता है – चैत्र और शरद नवरात्रि में। इन अवसरों पर, then भक्तिगण मां दुर्गा की पूजा और आराधना करते हैं|
and in a similar way नौ दिनों तक उपवास का पालन करते हैं। ये त्योहार हिन्दू संस्कृति और धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है और भक्तों के लिए आत्मिक उन्नति का संकेत है।
in the article आप ने माँ दुर्गा की पूजा के बारे में जाना | then पूजा विधि व् कैसे कलश स्थापित करे आदि क बारे में जाना |