दोस्तों इस ब्लॉग में chaitra navratri 2024 की सही तारीख आपको पता चलेगी साथ ही kalesh sthapna ka muhurat भी आपको बताएंगे। सनातन धर्म में नवरात्रि के पर्व का बहुत महत्व होता है। देवी भागवत के अनुसार वर्ष भर में चार नवरात्रि होती हैं।
दो प्रकट नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि लेकिन सनातन धर्म में चैत्र मास की जो नवरात्रि होती है यानि chaitra navratri बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। प्रतिपदा तिथि से हिंदू वर्ष का पहला दिन यानी कि नव वर्ष प्रारंभ हो जाता है।
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Chaitra Navratri 2024 In April Month
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से chaitra navratri पर्व का शुभारंभ होता है जो की April महीने में आता है। और नौवी तिथि पर नवरात्र समाप्त होते हैं। नवरात्र में नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इन दिनों भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न कर के लिए व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं।
यह हिंदू पंचांग के अनुसार नववर्ष की शुरुआत को चिह्नित करता है और भारत भर में उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत शैलपुत्रि से होती है और अंत में सिद्धिदात्रि से समाप्त होती है।
इन नौ दिनों में भगवान की अराधना, भक्ति, और ध्यान से लबलब रहती है, और लाखों लोग इस उत्सव में भाग लेते हैं। चैत्र नवरात्रि का पावन अवसर हर वर्ष लोगों को नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है, और समाज में एकता और सामर्थ्य की भावना को संवाद में लाता है।
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Chaitra Navratri 2024 Ashtami Date
2024 की चैत्र नवरात्रि में अष्टमी का महत्वपूर्ण दिन 16 अप्रैल, मंगलवार को है। Chaitra Navratri 2024 Ashtami Shubh Muhurat सुबह 9 : 08 से लेकर दोपहर 1:58 तक रहेगा। and यह नवरात्रि के अष्टमी दिन का पर्व होता है, जिसे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
इस दिन मां दुर्गा का अष्टमी रूप भगवती महागौरी की पूजा की जाती है। भगवती महागौरी का अर्थ होता है ‘महा’ यानी बड़ा और ‘गौरी’ यानी सफेद रंग की। then मां दुर्गा के इस रूप को पूजन करने से सभी कष्ट और संकटों का नाश होता है।
इस दिन भक्तों द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की जाती है then देवी का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इस अवसर पर भक्तों ने व्रत or ध्यान कर मन, शरीर and आत्मा का शुद्धि करते हैं, ताकि वे देवी दुर्गा के आशीर्वाद से समृद्धि और सौभाग्य को प्राप्त कर सकें।
also अष्टमी का दिन नवरात्रि के उत्सव में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पावन दिन होता है, जो भक्तों के लिए धार्मिक और सामाजिक महत्व का प्रतीक है।
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Kalash Sthapna Ka Shubh Muhurt
kalash sthapna ka shubh muhurt चुनना हिन्दू धर्म में एक प्रमुख और महत्वपूर्ण कार्य है। इस घटना में कलश को अपने घर या किसी भी सामाजिक आयोजन में स्थापित किया जाता है। also यह मुहूर्त उस समय को संदर्भित करता है then जब ग्रहों का आपसी संयोग और नक्षत्रों का सम्बंध सबसे अनुकूल होता है।
2024 की चैत्र नवरात्रि के अवसर पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल, सोमवार को सुबह 6:00 बजे से सुबह 10:00 बजे तक है। and यह चार घंटे और 14 मिनट की अवधि का मुहूर्त है, जिसके दौरान कलश की स्थापना करना उत्तम माना जाता है। then इस समय के अनुसार कलश की स्थापना करने से घट स्थापना का अनुभव और महत्व अधिक होता है।
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Chaitra Navratri Puja Samagri
Dosto chaitra navratri के अवसर पर puja samagri की व्यवस्था करने के लिए कुछ आवश्यक सामग्री चाहिए होती है। जैसे –
- मां दुर्गा की फोटो, मूर्ति या प्रतिमा
- गणेश जी की मूर्ति,दूर्वा
- नवग्रह की मूर्ति
- दुर्गा सप्तशती या अन्य धार्मिक ग्रंथ
- चौकी और दरबार के निर्माण के लिए लाल सवा मीटर कपड़ा
- जवारे उगने के लिए मिट्टी का पात्र या धातु का पात्र
- कलश के लिए ताम्बे का बर्तन। and अशोक,आम आय पान के पत्ते।
- कलश के लिए नारियल चाहिए फूलों की माला। then माता को गुड़हल के पुष्प अधिक प्रिया होते हैं।
- धनिया, चावल,तिल, मिश्री, गुड़, बताशा, लौंग, इत्र and माचिस
- धूपबत्ती, कपूर, सुपारी, हल्दी की गांठे
- अखंड ज्योत के लिए बड़ा दीपक, गंगाजल, शहद, नारियल, फल, मिठाई also मेवा
- श्रृंगार सामग्री and हल्दी की गांठे
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Chaitra Navratri 2024 Puja Vidhi
चौकी लगा लेनी है लाल रंग का आसन बिछा लेना है। फूलों का आसन देते हुए सबसे पहले माता रानी को विराजमान करे। आप मूर्ति के जगह पर फोटो की भी स्थापना कर सकते हैं। then प्रथम पूज्य गणपति जी की स्थापना करे। चावल गेहूं या तील का आसन देते हुए आप अष्टदल कमल बनाते हुए कलश की स्थापना करे।
इसके साथ एक शुद्ध देसी घी का दीपक जलाये। किसी थाली पर एक स्वास्तिक बनाकर उसमे मिटटी का कुंडा रखे एंड शुद्ध बालू मिटटी डाल के जो उगाये। then स्नान कराने की भावना से एक फूल की मदद से गंगाजल का छीटा दे।
also स्नान के बाद वस्त्र पहने जाते हैं ठीक उसी प्रकार से वस्त्र की भावना से हमने गणपति जी को कलावा या जनेऊ अर्पित कर देना है। also माता रानी को चुनरी उड़ाय। then चंदन कुमकुम तिल समर्पित करते हुए गणपति जी की पूजा करे।
and सभी को फूल अर्पित करने के बाद माता रानी का श्रृंगार चढ़ाए। यह सब करने के बाद माता को भोग लगाए। और माता की आरती करे।
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Kalash Sthapana Vidhi
कलश स्थापना विधि के लिए तांबे या मिट्टी का लोटा ले। उसके ऊपर रोली से स्वास्तिक बना ले और कंठ पर मोली बांध ले। then कलश को हमें कंठ तक भर लेना है। and उस पानी में सिक्का, सुपाड़ी, हल्दी की गांठ, गंगाजल also एक फूल यह सभी सामग्री डाल ले। and इसके साथ ही चावल गेहूं या तील जो आप use कर रह है।
वह भी पानी में डाले। and कलश को सजाने के लिए पांच अशोक के पत्ते या आम के पते या आप पान के पत्तों का भी प्रयोग कर सकते हैं। then इसके साथ ही चंदन and रोली से हम सभी पत्तों को टिका लगाना है। because देखिए पूजन में कोई भी चीज आपको खाली नहीं छोड़नी है हर वस्तु को आपको रोली या चंदन या कुमकुम सिंदूर किसी से भी टीक जरूर लेना है।
आपको एक जटा वाला पानी वाला नारियल को मोली या एक छोटी चुनरी ले लपेट कर कलश के पत्तो के ऊपर रख देना है।
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Chaitra Navratri 2024 Colours
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि पर्व में रंगों का विशेष महत्व होता है। also माना जाता है कि हर दिन की देवी को एक खास रंग पसंद होता है and पूजा के समय इस रंग के कपड़े पहनने और मां के सच्चे मन से पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
1. पहला दिन: मां शैलपुत्री
- रंग: पीला
- महत्व: पीले रंग के वस्त्र धारण कर मां शैलपुत्री की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
2. दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी
- रंग: हरा
- महत्व: हरे रंग के कपड़ों में पूजा करने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है।
3. तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा
- रंग: भूरा
- महत्व: भूरे रंग के कपड़े पहनकर मां की पूजा से नई ऊर्जा लाने में मदद मिलती है।
4. चौथा दिन: मां कुशमांडा
- रंग: नारंगी
- महत्व: नारंगी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से जीवन में नई ऊर्जा आती है।
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5. पांचवा दिन: मां स्कंध माता
- रंग: सफेद
- महत्व: सफेद रंग के वस्त्र पहनने से मां का पूजन करने से शत्रुओं का नाश होता है।
6. छठा दिन: मां कात्यायनी
- रंग: नीला
- महत्व: नीले रंग के कपड़े पहनने से मां कालरात्रि प्रसन्न होती हैं।
7. सातवां दिन: मां महागौरी
- रंग: गुलाबी
- महत्व: गुलाबी रंग के कपड़े पहनकर मां को प्रसन्न करने से शुभ फल मिलता है।
8. आठवां दिन: मां सिद्धदात्री
- रंग: बैगनी
- महत्व: बैगनी रंग के कपड़े पहनकर मां की पूजा करने से सिद्धों की कृपा प्राप्त होती है।
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Conclusion-
chaitra navratri 2024 का उत्सव अप्रैल माह में एक धार्मिक और सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। then इस वर्ष, चैत्र नवरात्रि 2024 की अष्टमी तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण है, and कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त भी ध्यान में रखा जा रहा है। also नवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर आदर्श पूजा सामग्री और पूजा विधि का पालन किया जाता है।
इस साल, चैत्र नवरात्रि 2024 के उत्सव में विविध रंगों का उपयोग किया जा रहा हैthenजो आनंद और प्रसन्नता का प्रतीक है। also इस उत्सव के माध्यम से हम अपने आप को भगवान के प्रति समर्पित करते हैं
धार्मिक साधना में एकाग्रता का अनुभव करते हैं। also चैत्र नवरात्रि 2024 का यह उत्सव हमें धार्मिकता, समर्पण, और समरसता की भावना से भरपूर राहत और आनंद प्रदान करता है।
FAQs- Frequently Asked Questions
Q- 2024 me chaitra navratri kab hai
Ans- 9 अप्रैल
Q- chaitra navratri kab se kab tak hai
Ans- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होगी 8 अप्रैल की रात्रि में 11:50 पर और 9 अप्रैल को रात्रि में 8:30 पर समाप्त हो रही है। तो सूर्योदय कालीन तिथि के अनुसार चैत्र मास की नवरात्रि 2024 में 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक है।
Q- chaitra navratri kab se shuru ho raha hai
Ans- 9 अप्रैल से नवरात्र का पावन पर्व शुरू हो रहा है
Q- Chaitra Navratri me akhand jyot kis trf jlaye ?
Ans- एक शुद्ध देसी घी का दीपक माता के दाहिने हाथ के साइड में अखंड ज्योत की स्थापना कर सकते हैं।
Q – कलश स्थापना में नारियल कैसे रखें?
Ans- ताम्बे या पीतल का लोटा ले उसको तिलक और मोली लगाय। then अशोक,पान या फिर आम के पत्ते लोटे पर रखे।
also जटा वाला नारियल ले उसको भी तिलक करे और माता की छोटी चुनरी नारियल पर लपटे। उसके बाद उस लोटे पर नारियल रखे।