Kundali Dosh & Upaye

Gandmool Dosh Kya Hota Hai ? जानिये इसके निवारण उपाय

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Gandmool dosh एक ज्योतिषीय अवधारणा है जिसका मतलब होता है कि कुछ विशेष ग्रह संयोजनों के तहत जन्म लेने वाले व्यक्तियों का जीवन थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

इसका मतलब है कि उन्हें अपने जीवन में कुछ मुश्किलों और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, कुछ विशेष ग्रहों के संयोजन के कारण यह दोष उत्पन्न होता है।

इस अवधारणा का यह मतलब नहीं है कि सभी व्यक्तियो की जन्मकुंडली में गंडमूल दोष होता है यह केवल एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण है और इसका व्यक्ति के जीवन पर पूरा नियंत्रण नहीं होता।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम gandmool dosh की अवधारणा को समझने की कोशिश करेंगे, इसके ज्योतिषीय अर्थ को समझेंगे, और इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के निवारण उपाय बताएंगे।

Gandmool Dosh Kya Hota Hai ?

Gandmool dosh वह स्थिति होती है जब किसी व्यक्ति का जन्म चंद्रमा के द्वारा शासित विशेष नक्षत्रों में होता है। इसे ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ योग माना जाता है और इसका व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस दोष को गंडमूल दोष के नाम से जाना जाता है।

वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्र है। इनमें से छह नक्षत्र ऐसे हैं जो अपना एक अलग महत्व रखते हैं। जैसे कि अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती।

जब किसी व्यक्ति का जन्मकाल चंद्रमा के इन नक्षत्रों में होता है  तो इनकी गलत स्तिथि के कारण Gandmool dosh बनता है। जिससे व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की चुनौतियाँ आ सकती हैं।

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Gandmool Dosh के प्रभाव

गंडमूल दोष के प्रभाव व्यक्ति के जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं? यह जानना महत्वपूर्ण है कि गंडमूल दोष के प्रभाव से व्यक्ति कैसे उबर सकता है।

  1. गंडमूल दोष के कारण व्यक्ति को आर्थिक समस्याएँ और विचारिक परेशानियाँ हो सकती हैं।
  2. इस दोष के प्रभाव से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, जैसे कि तंत्रिका रोग, मानसिक तनाव, आदि।
  3. परिवार में अनबन और मनमुटाव हो रहता है।
  4. शिक्षा में रुचि और समझ में कमी हो सकती है और पढ़ाई में बाधाएँ आ सकती हैं।
  5. व्यक्ति के करियर में प्रगति नहीं हो सकती है और व्यापार में भी परेशानियाँ उत्पन्न होती हैं।
  6. गंडमूल दोष के प्रभाव से सामाजिक संबंध में विघ्न आ सकता है और मान-सम्मान में कमी हो सकती है।
  7. यह दोष व्यक्ति के मानसिक स्थिति पर भी असर डाल सकता है और यह व्यक्ति चिंता और तनाव में होता है।
  8. व्यक्ति की इच्छाशक्ति और संयम में कठिनाइयाँ आ सकती हैं, जिससे सम्पन्नता में रुकावट हो सकती है।
  9. व्यक्ति के कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है।
  10. दोष के प्रभाव आंतरिक शांति और सुख की प्राप्ति में से कमी हो सकती है।

Gandmool Dosh Nivaran Upaye In Hindi

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  1. रुद्राक्ष की माला धारण करे।
  2. ग्रहों की शांति और गंडमूल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए, विशेष रूप से गणेश और हनुमान जी की पूजा करें।
  3. दान करने से दोष के प्रभाव में कमी होती है। चिकित्सा से संबंधित वस्त्र, सोना, चांदी, लाल वस्त्र, रक्तदान आदि दानी चीजें दान कर सकते हैं।
  4.  शनिवार को शनि देव की पूजा करने से गंडमूल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  5.  गोमूत्र का उपयोग शुद्धता और दोषों को दूर करने में मदद कर सकता है।
  6. यज्ञ और हवन करने से ग्रहों की शांति हो सकती है और गंडमूल दोष का प्रभाव कम होता है।
  7. विशेष अनुष्ठान और तप करने से दोष के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
  8. मां दुर्गा के मंत्र का जाप करने से दोष का प्रभाव कम हो सकता है
  9. धार्मिक तीर्थस्थलों पर यात्रा करे।
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Gandmool Dosh Nivaran Mantra

कृपया ध्यान दें कि मंत्रों का उच्चारण श्रद्धापूर्वक और मानसिक शुद्धता के साथ करना चाहिए।

मंत्र 1: “ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।।

उच्चारण नियम: इस मंत्र का दैनिक जाप करने के लिए, आपको सुबह-सुबह और शाम को एक स्थिर स्थान पर बैठकर 108 बार उच्चारण करना चाहिए। आप ज्यादा बार भी जप कर सकते हैं यदि आपका समय हो।

मंत्र 2: “ऊँ क्लीं गं सौम पुत्राय नमः।

उच्चारण नियम: इस मंत्र को दैनिक जीवन में 21 बार या 108 बार के उच्चारण से सहित किसी शुभ मुहूर्त में जप कर सकते हैं।

मंत्र 3: “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय।

उच्चारण नियम: इस मंत्र को दैनिक जीवन में 9 बार या 108 बार के उच्चारण से सहित जप करें।

Frequently Asked Questions -FAQs

Gandmool Dosh से सम्बंदित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न। इस लेख से जुडी आपके मन में  कोई संका है तो comment box जरूर पूछिए हम आपका उत्तर देने की कोशिश करंगे। 

Q-1 गंड मूल दोष कितने नक्षत्र मिलकर बनता है?

Ans- गंडमूल दोष कुल मिलाकर 6 नक्षत्र से मिलकर बनता हैं। ये नक्षत्र हैं: आश्विनी, अश्विनी, मघा, मूल, ज्येष्ठा, रेवती आदि।

Q-2 ज्योतिष में कौन-से नक्षत्र अच्छे माने गए है ?

Ans-  कुल मिलाकर 27 नक्षत्र होते हैं, लेकिन अच्छे नक्षत्र कुल में 9 होते हैं। ये नक्षत्र हैं: अश्विनी, रोहिणी, मृगशीर्षा, पुनर्वसु, रेवती,अनुराधा, उत्तराषाढा, स्वाति, श्रवण।

Q-3 क्या हर किसी की कुंडली में होता है गंडमूल दोष?

Ans- नहीं, गंडमूल दोष हर व्यक्ति की जन्म कुंडली में मौजूद नहीं होता है। यह जन्म के समय ग्रहों की विशिष्ट स्थिति पर निर्भर करता है।

Q-4 गंडमूल दोष से निपटने के लिए कुछ सामान्य उपाय क्या हैं?

Ans- रुद्राक्ष माला पहनना, गणेश और हनुमान जैसे देवताओं की पूजा करना और धर्मार्थ गतिविधियों में शामिल होना कुछ सामान्य उपाय हैं।

Q-4 गंडमूल दोष क्या गर्भधारण में भी प्रभावी होता है?

Ans- जी हां, गंडमूल दोष गर्भधारण में भी प्रभावी हो सकता है। यह दोष चंद्रमा के साथ स्तिथ विशेष नक्षत्र की स्थिति के कारण होता है और यह बच्चे के जीवन में बुरा प्रभाव डाल सकता है।

Q-5 गंडमूल दोष की पहचान और उसके प्रभाव से कैसे बचे ?

Ans- गंडमूल दोष की पहचान के लिए अपनी जन्म कुंडली की जाँच करें। यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा के किसी नक्षत्र में जन्म हुआ है, तो गंडमूल दोष की संभावना हो सकती है।

इसके बचने के लिए धार्मिक अनुष्ठान, मन्त्र जप, पूजा, ध्यान आदि का अभ्यास करें। ये उपाय गंडमूल दोष के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।

निष्कर्ष

Gandmool dosh ज्योतिष में एक ग्रह दोष है जो हमारे जीवन पर प्रभाव डाल सकता है। यह चंद्रमा के खास अंश पर आधारित होता है और इसका हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है।

इसका उपाय करके और विशेष पूजाओं के माध्यम से हम इस दोष को निवारण कर सकते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं।

धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो, इस दोष के निवारण के लिए विशेष प्रार्थनाएँ आयोजित की जा सकती हैं जो हमें मानसिक शांति और सकारात्मकता प्रदान कर सकती हैं।

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