hartalika teej kab hai का सही उत्तर है :-18 सितंबर के सुबह 6 बजे से रात्रि के 8 बजकर 24 मिनट तक in reality hartalika teej 2023 vrat subh mahurat में पूजा करने का शुभ समय है।
while इस समय के दौरान, भगवान शिव और माता पार्वती के लिए सभी रितुअलों का पालन करके पूजा करनी चाहिए। Also , सायं को प्रदोष काल (सायं की समय) में पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
आप से निवेदन है की इस आर्टिकल को पूरा पढ़े | जिस से आप को hartalika teej के बारे मे और बी मिलेगी | likewise किस pooja vidhi से व् कोनसी hartalika teej vrat katha फल दायक होती है|
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hartalika teej 2023: इस व्रत का महत्व और मनाने का कारण ?
हरतालिका तीज, हिन्दू धर्म में महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण Or पावन त्योहार है। इस दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है, जिसमें उनके ध्यान और भक्ति का महत्वपूर्ण रूप से मान्य किया जाता है।
इस व्रत का पालन करने से विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लम्बी आयु और सुख-शांति की कामना करती हैं। यह त्योहार हर साल भगवान शिव की ध्यान पूर्वक पूजा का मौका भी प्रदान करता है।
hartalika teej 2023 के दिन का महत्वपूर्ण कारण और धार्मिक महत्व को जानने के लिए इसे मनाएं और समझें। Also कहा जाता है ईस दिन जो महिलाये व्रत रख क पूजा करती है उनको मनवांछित फल की बी प्राप्ति होती है
in reality महिलाये वेट करती है की hartalika teej kab hai और कब वो इस त्यौहार को मनाये।
hartalika teej kab hai Varat vidhi ?
hartalika teej kab hai Varat में, महिलाएं एक पूरे दिन तक भोजन और पानी नहीं पीतीं, जिसे निर्जला व्रत कहा जाता है। इस व्रत को बहुत कठिन माना जाता है |
besides क्योंकि यह 24 घंटे का उपवास होता है, जिसमें खाना-पीना पूरी तरह से बंद रहता है। व्रत के नियम द्वितीय तिथि से प्रारंभ होते हैं, जिसका मतलब व्रत के दिन से एक दिन पहले से इन नियमों का पालन करना होता है।
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hartalika teej kab hai Vrat नियम व् सही स्टेप्स :-
यहाँ especially स्टेप्स में बताया गया है: hartalika teej Vrat का पालन करने का बेहतरीन तरीका क्या होता है|
- प्रातःकाल, इस व्रत को मनाने का सबसे उत्तम समय होता है।
- इस दिन व्रती महिलाएं सुबह नहाकर शुद्ध वस्त्र पहनकर अपने पसंदीदा देवता का ध्यान करती हैं, और पूजा की तैयारियों में लग जाती हैं।
- स्त्रियां इस दिन विशेष रूप से हरे या लाल रंग के वस्त्र पहनती हैं और अपने दिल की इच्छानुसार सज़ा धज़ करती हैं, जिसमें मेहँदी भी शामिल होती है।
- मंदिर या घर के पूजा स्थल पर, मुहूर्त के अनुसार रेत के शिव पार्वती की प्रतिमाएं बनाई जाती हैं और उन पर पूजा की जाती है।
- मूर्तियों पर बिल्व पत्र, फूल, फल, भुट्टा, धतूरा, और पंचामृत का चढ़ावा दिया जाता है। माता पार्वती को सुहाग के सारे श्रृंगार सामग्री से सजाया जाता है।
- धूप-कर्पूर के अगरबत्ती और घी के दीपक जलाकर चारों प्रहरों में पूजा और आरती की जाती है।
- इस व्रत में व्रती स्त्री का सोना निषेध होता है, including रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण किया जाता है and hartalika teej vrat katha की कहानी सुनाई जाती है, जो देवी पार्वती और भगवान शिव के मिलन की दिव्य कथा है।
- हरतालिका के समापन के रूप में, स्त्रियां रेत की देव मूर्तियों की आरती करती हैं, उन्हें और पूजा की सामग्री को जल में विसर्जित कर देती हैं, और पूजा में आए चढ़ावे को दान कर देती हैं।
- however hartalika teej vrat का समापन होने पर, व्रती महिलाएं पवित्र मंत्रों का जप करके अगले दिन प्रातः समाप्त करती हैं।
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hartalika teej vrat katha जो सबसे अच्छा फलदायक होती है कोनसी है ?
सबसे अच्छा फल देने वाली hartalika teej vrat katha निचे दी गई है | ये व्रत की कथा हर सुहागिन स्त्री को hartalika teej vrat क दिन जरूर करनी चाहिए |
माता पार्वती ने बचपन से ही भगवान शिव को अपने पति के रूप में स्वीकार कर लिया था। लेकिन उनके पिता, यक्ष राजा, उनकी शादी को लेकर विष्णु भगवान से करना चाहते थे। after all मां पार्वती बहुत दुखी हुई और व्यथित हो गई, and then शिव की ध्यान और पूजा करने लगी, और चिंतित रहने लगी।
Then उनकी सखियाँ ने उन्हें साहस दिलाने का प्रयास किया और एक योजना बनाई कि उन्हें अपहरण करके जंगल में छुपाया जाए और वहां शिव की पूजा करें।
योजना के अनुसार, सखियाँ मां पार्वती को अपहरण कर जंगल की गुफाओं में छुपा दिया और वहां शिव की पूजा करने लगीं। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को, भगवान शिव ने साक्षात दर्शन दिए और मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस अपहरण की कहानी के कारण इस व्रत का नाम hartalika teej vrat रखा गया है।
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पौराणिक मान्यता के अनुसार hartalika teej vrat katha ऐसे बी है !
कथा पौराणिक मान्यता के अनुसार है कि देवी सती ने अपने पिता के यज्ञ में बिना न्योता के पहुंचकर महादेव का अपमान किया, जिसे वह सहन नहीं कर सकी। उसके बाद, उसने अपने अगले जन्म में राजा हिमाचल के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया।
वह बचपन से ही शिव की अत्यधिक भक्ति करती रही, और बड़ी होते जाने पर भी शिव को अपने पति के रूप में पाने की उत्कट इच्छा से पूजा, जप, और तप करने लगी।
in reality शिव की तपस्या में लगी रही। इसके परिणामस्वरूप, उसके पति, राजा हिमाचल, बहुत चिंतित और दुखी हो गए। इस पर माता पार्वती के शक्तियों ने उसका अपहरण कर लिया और उसे जंगल में छुपाया दिया। माता पार्वती ने वहां भगवान शिव की पूजा आराधना की और उनका ध्यान आकर्षित किया।
इसी घड़ी, besides भगवान शिव ने उसकी पूजा आराधना को स्वीकार किया और उसे अपनी पत्नी बनाया। इसके बाद, इस दिन को hartalika teej vrat के रूप में मनाने का परंपरागत आयोजन किया गया है,
Also इस कहानी को hartalika teej vrat katha के रूप मैं सुनाया जाता है व महिलाये और बच्चे इसे नियमित रूप से मनाते हैं। इस व्रत का मान्यता है कि इससे महिलाओं का जीवन साथी के साथ खुशहाल और समृद्धि से भर जाता है।
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hartalika teej ki katha mantra
हरतालिका तीज 2023 के दिन आपको माता पार्वती और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए hartalika teej ki katha mantra बताई गई है। with this in mind इस व्रत को पूरी निष्ठा और भक्ति से करने से आपका सौभाग्य सदैव प्रसन्न और समृद्ध रहेगा।
hartalika teej मां पार्वती को प्रसन्न करने के 5 मंत्र
ॐ उमाये नमः। ॐ पार्वत्यै नमः। ॐ जगद्धात्रयै नमः। ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नमः। ॐ शांतिरूपिण्यै नमः।
hartalika teej भगवान शिव को प्रसन्न करने के 7 मंत्र
ॐ नमः शिवाय। ॐ हराय नमः। ॐ महेश्वराय नमः। ॐ शम्भवे नमः। ॐ शूलपाणये नमः। ॐ पिनाकवृषेनमः। ॐ पशुपतये नमः।
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FAQ सवाल जवाब hartalika teej 2023: hartalika teej kab hai vrat subh mahurat के बारे में |
आप की जानकारी क लिए हमने निचे कुछ सवाल जवाब जो की हर किसी क दिमाक में आते हां सही जवाब देने की कोसिस की है | आशा है की आप को ये hartalika teej 2023: hartalika teej kab hai vrat subh mahurat के बारे में आप की जानकारी को और अच्छे तरिके से क्लियर करेंगे |
Q . 1 hartalika teej kab hai vrat 2023 मै ?
Ans :- hartalika teej 2023 मे 18 सितंबर के सुबह 6 बजे से रात्रि के 8 बजकर 24 मिनट तक होगा |
Q . 2 how to do hartalika teej puja in hindi?
Ans :- hartalika teej puja in hindi के लिए आप दिन उपवास करना होगा | व् साथ ही इस उपवास के नियम व् कथा आदि करना होगा | इस आर्टिकल मे पड़ सकते है |
Q . 3 hartalika teej 2023 date in hindi?
Ans :- hartalika teej 2023 date in hindi १८ सितंबर के सुबह ६ बजे से रात्रि के ८ बजकर २४ मिनट
निष्कर्ष / Conclusion ऑफ़ आर्टिकल hartalika teej 2023: hartalika teej kab hai vrat subh mahurat?
hartalika teej 2023 के विषय में यहां आपको महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। इस लेख में hartalika teej kab hai vrat subh mahurat, महत्व, तिथि, व्रत विधि, महूर्त, और पूजन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई है। hartalika teej व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के परिवार की खुशी और सौभाग्य की प्रतीक माना जाता है|
और यह व्रत समृद्धि और खुशियों का प्रतीक माना जाता है। in the hope that hartalika teej के व्रत की सही जानकारी देने के उद्देश्य से यह आर्टिकल तैयार किया गया है, ताकि आप इसे सही तरीके से मना सकें और अपने जीवन में सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।