नमस्कार दोस्तों आपका इस लेख में स्वागत है। आप mangal doshसे प्रभावित है तो आप सही पेज पर आए है। और mangal dosh के लक्षण जाननें के लिए इस लेख पैर बने रहिए। ज्योतिष शास्त्र प्रतेक व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व रखता है।
यह तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब कोई व्यक्ति किसी ग्रह से पीड़ित होता है। अगर कोई शुभ ग्रह आपकी राशि मे आता है तो आपके आने वाले समय में वह चार चाँद लगा देता है लेकिन वही अशुभ ग्रह आपकी कुंडली या राशि में आया है तो आपको इसके विपरीत लक्षण धिकाई देंगे।
Mangal dosh kaise bnta hai?
जब ग्रहो की बात हो रही है तो कुल 9ग्रह होते है जिसमे हर ग्रह का अपना एक प्रभाव और महत्व होता है। इनमें मंगल ग्रह का विषेस महत्व होता है। ऐसा इसलिए क्योकि यह सभी ग्रहो का सेनापति है। मंगल ग्रह को भूमि पुत्र भी कहा जाता है।और आपको इस लेख में बतायेगे की mangal dosh kya hota hai कुंडली में मंगल दोष कैसे पता करें। इस लेख में आपको मंगल दोष से सम्बंधित पूरी जानकरी देंगे।
कुंडली में मंगल दोष कैसे पता करे ?
mangal dosh एक ज्योतिषीय अवधारणा है जो विवाहित जीवन में महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे हिंदू ज्योतिष में “मार्गज दोष” भी कहा जाता है। यह दोष विवाह के पारिवारिक और सामाजिक मामलों पर प्रभाव डालता है।
ऐसा कहा जाता है कि जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में mangal dosh होता है, उन्हें अपने वैवाहिक जीवन में चुनौतियों या बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है किसी व्यक्ति के कुंडली में मंगल ग्रह की विशेष स्थिति होती है। जिससे पता चलता है की उसे मंगल दोष है या नहीं।
कुंडली में मंगल दोष का पता करने के लिए कुंडली में मंगल की स्थिति की जांच करे। यदि आपकी कुंडली में मंगल 1भाव , 4भाव ,7भाव , 8वे और 12भाव में है तो आपको मंगल दोष है। इसके अलावा जब किसी कुंडली में मंगल ग्रह जन्म राशि, चंद्र राशि, या नवांश राशि में स्थित होता है और कुछ निश्चित योगों के साथ मेष, वृष्चिक, और कुंभ राशि में स्थित होता है, तो इसे भी मंगल दोष के रूप में माना जाता है।
Aap hamare free mangal dosh calculator ka estamal be kr skte hai Click kre
Mangal Dosh के लक्षण
अलग-अलग जातकों में भिन्न mangal dosh के लक्षण होते हैं, कुछ सामान्य और प्रमुख मंगल दोष के लक्षण यहाँ लिखित है।
प्रथम भाव में Mangal Dosh के लक्षण –
इन जातकों को शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं। जैसे; त्वचा संबंधी रोग, नींद की कमी आदि हो सकती हैं।
इनमे उत्साह और प्रेरणा की भावना होती है।अपनी सीमाओं को पार करके और नए अनुभवों को पाने के लिए तत्पर रहते हैं। यह स्वतंत्र जीवन जीना पसंद करते है। और यह दूसरों को अपने विचारो से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
चतुर्थ भाव में Mangal Dosh के लक्षण-
किसीजातक की कुंडली में यदि मंगल चतुर्थ भाव में है तो यह mangalik kundali कहलाती है। इससे जातक की शादी तो हो जाती है लेकिन बाद में विवाहित जीवन क्लेशमय और असंतुलित रहता है। मंगल चतुर्थ भाव में होने से घर के बुजुर्ग ज्यादा बीमार पड़ते है। और जमीन जायदात में बहस होती रहती है।
सातवें भाव में Mangal Dosh के लक्षण –
जातक के विवाह में देरी होना। दाम्प्तय जीवन में कई सारी कठिनाइयाँ आना जैसे बच्चे पैदा ना होना या बच्चो का अपंग पैदा होना। जातक को धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आठवे भाव में Mangal Dosh के लक्षण –
मंगल आठवे भाव में रहकर जातक की कुंडली को मांगलिक बनाता है mangal dosh के इस लक्षण से जातक बुरी संगत में रहने लगता है और बुरी आदतों का शिकार बन जाता है। जैसे ; जुआ खेलना ,नशा करना ,आदि। लेकिन इस मंगल दोष के जातक की शादी किसी गैर-मांगलिक से होती है तो उनके साथी की मृत्यु हो सकती है।
बारहवें भाव में Mangal Dosh के लक्षण-
मंगल बारहवे भावे में होने से जातक की आर्थिक उन्नति रुक जाती है। खर्चे बढ़ जाते है। विवाह में देरी होना या विवाहित जीवन का तालाक होना। इस दोष के कारण कोर्ट के चक्र भी लगाने पड़ सकते है।
Note– मंगल ग्रह कोई बुरा ग्रह नहीं है बल्कि यह एक ग्रह दशा है mangal dosh ke upayभी है जिनकी हम आगे चर्चा करेंगे।
Mangal Dosh Nivaran Remedies
अपनी जन्म कुंडली के आधार पर कोई विशेष रत्न पहने जैसे लाल मूंगा (Red Coral), यह मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ एक प्रमुख रत्न है। इसके पहनने से मंगल दोष से राहत मिलती है।
वास्तविक विवाह समारोह से पहले कुंभ विवाह करे। इस प्रथा में केले के पेड़, पीपल के पेड़ या चांदी की मूर्ति से विवाह करना होता है। ऐसा माना जाता है कि इससे मंगल दोष के दुष्प्रभाव समाप्त होने लगते हैं।
प्रतेक मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करे। और मंदिर जाके बूंदी का प्रसाद बाटे।
मंगलवार को व्रत रखे हनुमान जी को लाल पुष्प अर्पित करे।
हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करे। इससे हनुमान जी प्रसंसन होंगे।
मंगल दोष होने पर लाल वस्त्र कभी नहीं पहने चाहिए । इससे मंगल और भी प्रबल होता है।
“ॐ अं अंगारकाय नमः” mangal dosh nivaran mantra(मंगल मंत्र ) का प्रतिदिन सुबह 108 बार जाप करे।
Some Related FAQ’s
Q-1 Low mangal dosh क्या होता है ?
Ans- लगन कुंडली से होने वाला दोष कम(हल्का) होता है वही दूसरी और चन्दर कुंडली से उत्पन्न होने वाला मंगल दोष अधिक प्रभावसाली होता है और इसी को Low mangal dosh कहा जाता है। 7वे और 8वे भाव का मंगल दोष उच्च मंगल दोष होता है। और 1 ,2, 4 और 12वे भाव में मंगल की स्तिथि नम्न मंगल दोष को जन्म देती है।
Q-2 Mangal dosh puja ujjain कब की जाती है ?
Ans-mangal dosh puja ujjain में किसी भी शुभ दिन की जा सकती है। लेकिन, यह पूजा तब की जाती है जब व्यक्ति के जीवन में विवाह संबंधी समस्याएं होती हैं। या विवाह नहीं हो पता है या विवाह होने के बाद रोज घर में क्लेश या तलाक होने के चांस बढ़ जाते है। उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर इस पूजा के लिए प्रसिद्ध माना जाता है।
यह मंगल ग्रह के साथ जुड़ा हुआ है। और यह संघर्ष का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल पूजा कर के यह दोष दूर किया जाता है|अक्सर मंगलवार को पूजा करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि मंगलवार को मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ दिन माना जाता है।
Q-3 क्या Mangal Dosh और मांगलिक दोष एक ही होते है ?
Ans- ज्योतिष में Mangal Dosh और मांगलिक दोष दोनों ही उपयोग होने वाले एक शब्द है। विवाह जीवन में विभिन्न चुनौतियों और समस्याओं का कारण मंगल दोष कहलाता है जैसे विवाह में देरी, संबंधों में तकरार,आदि और कुंडली में 1भाव , 4भाव ,7भाव , 8वे और 12भाव यह मांगलिक दोष को दर्शाते है।
Q-4 Mangal Dosh Nivaran के लिए किस देवता से प्रार्थना करें?
Ans-ज्योतिष शास्त्र में Mangal Dosh Nivaran के लिए कई देवताओं की प्रार्थना की जाती है। आप अपनीं श्रद्धा भाव के अनुसार गणेश जी ,हनुमान जी या सवयं मंगल देव की पूजा केर सकते है।
Q-5 क्या मांगलिक होने के फायदे भी होते है ?
Ans- हां, मांगलिच होने के भी कुछ फायदे होते है यह भावनात्मक कठोर होते है। मांगलिक जन्मे व्यक्ति को शारीरिक ऊर्जा और स्वास्थ्य में भी वृद्धि होती है। यह आकर्षक वक्तित्व वाले होते है। यह किसी भी गलत समय में जल्दी निर्णय लेने में सक्षम होते है। अपने जीवन में 36 की आयु तक कई रोजगार कर चुके होते है।
निष्कर्ष –
“मंगल दोष” एक ज्योतिष और ग्रहों पर आधारित एक अवधारणा है, जो व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह दोष विवाह और सामाजिक संबंधों, स्वास्थ्य और धन समस्याओं में लक्षणों के रूप में प्रकट हो सकता है। “mangal dosh nivaran” के उपाय ज्योतिषियों द्वारा सुझाए जाते हैं, जिनमें धार्मिक कार्यो द्वारा प्रदान की जाने वाली पूजा, मंत्र या दान शामिल होते हैं। मंगल दोष और इसके लक्षण व्यक्ति के विश्वास और अनुभवों पर निर्भर करेंगे।