नमस्कार दोस्तों आज हम Manglik Ladke के विषय में चर्चा करंगे। दोस्तों जब भी किसी की शादी होती है, तो सबसे पहले यह देखा जाता है कि उनकी कुंडली में मंगल दोष है या नहीं, क्योंकि यह माना जाता है कि मंगल दोष का असर शादी के बाद पारिवारिक सुख, तरक्की, और उम्र पर पड़ता है।
कुंडली में बारह भाव होते हैं, और पहले, चौथे, सातवें, आठवें, और बारहवें भाव में मंगल के होने से मंगल दोष होता है। अगर मंगल इन स्थानों पर है, तो आप मांगलिक होते हैं।
तो चलिए जानते है Manglik Ladke के बारे में। और ध्यान दीजियेगा की जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष है या जिनके परिवार में कोई मांगलिक है, उनके लिए यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है। कृपया ऐसे पूरा पढ़े।
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Manglik Ladke ki Pehchan
मंगल दोष से प्रभावित Manglik ladke की कुंडली में विवाह के समय समस्याएं आती हैं। ये तो आपको पता ही है। then विवाह हो भी जाए तो जीवनसाथी के साथ मनमुटाव बना रहता है। कुंडली में मंगल प्रभावी होने पर व्यक्ति मांगलिक कहलाता है।
शाश्त्रो के अनुसार ऐसे लोगों का विवाह हमेशा मांगलिक से ही होना चाहिए, अन्यथा दांपत्य जीवन में कठिनाइयां बहुत आती हैं। Manglik ladke की पहचान के लिए कुछ मुख्य लक्षण ये दिखाई देते है।
जैसे आक्रामकता, गुस्सैल स्वभाव, बहादुरी और उत्साह, धैर्य की कमी, जल्दबाजी में निर्णय लेना, घरेलू जीवन में भागना, दूसरों की बात ना सुनना, और सीधी बात करना।
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ladka manglik ho to kya kare
यदि किसी ladka manglik है तो उसके ये व्रत उपाए करे। हमारे शास्त्रों में प्रदोष व्रतों का वर्णन किया गया है। जैसे रवि का प्रदोष, सोम का प्रदोष, मंगल का प्रदोष, बुध का प्रदोष, गुरु का प्रदोष, शुक्र का प्रदोष और शनि का प्रदोष। इन व्रतों का पालन करने से बहुत सी समस्याओं का समाधान हो सकता है।
कुंडली में manglik dosh होने पर विशेष रूप से मंगल प्रदोष व्रत का पालन करना चाहिए। जो मंगलवार को पड़ता है, भगवान शंकर के मंदिर में जाकर चौमुखी दिया (चार बत्ती का दिया) बनाएं।
इस दिए को आटे से बनाएं और उसमें घी डालें। फिर इस दिए को शंकर भगवान के मंदिर में मतलब सात बार शंकर पर से उतारकर then तीन बार स्वयं पर उतारकर शिवलिंग के पास रख दें। यह प्रक्रिया मंगल दोष को शांत करने में सहायक होती है।
इस व्रत का महत्व शास्त्रों में वर्णित है और इसे करने से mangalik dosh के साथ shani dosh से संबंधित समस्याओं का समाधान होता है। इस व्रत को 11 या 26 बार करना उत्तम माना जाता है।
यदि कुंडली में मंगल दोष हो और शनि महाराज का समर्थन नहीं हो तो भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। उज्जैन में मंगलनाथ भगवान के दर्शन से भी इस दोष का निवारण हो सकता है।
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मांगलिक लड़के की शादी के उपाय
घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर हनुमान जी की तस्वीर आप लगा सकते हैं।
पिरामिड आकर का मंगल यंत्र आप घर में स्थापित कर सकते हैं।
घर के मुख्य द्वारा पर तुलसी का पौधा लगा सकते हैं।
मंगल ग्रह की शांति के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है। हनुमान जी को मंगल का अधिष्ठाता देवता माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा से मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है।
मंगल ग्रह की शांति के लिए मूंगा (कोरल) रत्न धारण करना भी एक अच्छा उपाय है। इसे सोने या चांदी की अंगूठी में बनवाकर मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए।
मांगलिक दोष के निवारण के लिए विष्णु पूजा भी एक प्रभावी उपाय माना जाता है। इसमें लड़के की शादी विष्णु भगवान की मूर्ति या चित्र से कराई जाती है, जिससे मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है।
मांगलिक दोष निवारण के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। यह पूजा किसी योग्य पंडित द्वारा कराई जानी चाहिए। पूजा में मंगल ग्रह की शांति के लिए हवन, मंत्र जाप, और अन्य धार्मिक क्रियाएं शामिल होती हैं।
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Manglik Ladke ki non manglik ladki se shadi ke nuksan
मांगलिक दोष से प्रभावित लड़की की शादी में वैवाहिक कलह और विवाद होने की संभावना अधिक होती है। इसका कारण यह है कि मंगल ग्रह को उग्र और संघर्ष का प्रतीक माना जाता है, जिससे दंपत्ति के बीच मतभेद बढ़ सकते हैं।
मांगलिक दोष का एक और संभावित नुकसान आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं। इससे विवाह के बाद आर्थिक स्थिति में अस्थिरता आ सकती है और वित्तीय संकट उत्पन्न हो सकता है।
कुछ मामलों में, मांगलिक दोष के कारण विवाह का विफल होना भी देखा गया है। इससे तलाक या अलगाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
मांगलिक दोष से प्रभावित लड़की की शादी में वैवाहिक जीवन की अस्थिरता का खतरा होता है। इससे दंपत्ति के बीच विश्वास की कमी हो सकती है और वैवाहिक जीवन में स्थिरता नहीं रह पाती।
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Manglik ladka and non manglik ladki
अगर लड़का मांगलिक है और लड़की नॉन मांगलिक है, तो सबसे पहले कुंडली मिलान किया जाना चाहिए। कुंडली मिलान से यह पता चलता है कि दोनों की जन्म कुंडली में गुणों की स्थिति कैसी है।
क्या विवाह के लिए अनुकूलता है। इसमें 36 गुणों का मिलान होता है और एक अच्छे विवाह के लिए कम से कम 18 गुणों का मिलना आवश्यक होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि लड़का मंगलिक है और लड़की गैर-मंगलिक, तो विवाह के बाद जीवन में विपदाएं आणि निश्चित है। बिना किसी उपाए के यदि Manglik ladka and non manglik ladki की सादी करवाई जाये तो वह कभी सफल नहीं रहेगी।
क्योकि ये मंगल ग्रह की स्थिति वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जैसे कि वैवाहिक कलह, स्वास्थ्य समस्याएँ, या आर्थिक कठिनाइयाँ।
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मांगलिक होने के नुकसान
मंगल का प्रभाव है तो जातक गुस्सैल प्रवृत्ति का होता है। परिवार में सुख की कमी। also जीवन साथी मांगलिक हो तो पति पत्नी में आपस की स्थिति अलगाव तक पहुंच जाति है।
मानसिक तनाव के साथ स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें आने लगती है। चौथ भाव में मंगल होने पर पारिवारिक कलह जैसे दिक्कतें होती है सातवें भाव में मंगल हो तो व्यक्ति के चरित्र में दोष बनने लगता है।
इसका एक अर्थ ये समझ सकते हैं की ऐसे लोग एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में पड़ जाते हैं। also आठवे भाव में मंगल के होने से पति पत्नी दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है and मंगल होने पर जातक के अपने आप ही शत्रु बने लगता हैं।
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Manglik Ladke ka मांगलिक होना शुभ है या अशुभ
मांगलिक होना शुभ या अशुभ, यह बात ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग तरीकों से देखी जाती है। manglik dosh बनने के पीछे मंगल ग्रह का होता है। and मंगल गृह जब किसी विषेस घर में बैठा हो तब जाके यह अपना प्रभाव जातक की कुंडली में डालता है।
हालांकि, हर मांगलिक व्यक्ति के लिए यह स्थिति अशुभ नहीं होती। कई ज्योतिषी मानते हैं also सही उपाय और पूजा-पाठ के माध्यम से इन नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
इसके अलावा, मांगलिक व्यक्तियों में अक्सर साहस, ऊर्जा, और नेतृत्व गुण भी ज्यादा होते हैं, जो उन्हें जीवन में सफल बना सकते हैं। therefore मांगलिक होना न तो पूरी तरह से शुभ है also न ही अशुभ, यह व्यक्ति की कुंडली के अन्य ग्रहों की स्थिति then जीवन की परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है।
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Conclsion for Manglik Ladke
मंगलिक लड़के और उनकी पहचान जानना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे विवाहित जीवन में आने वाली संभावनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है। ज्योतिषीय दृष्टि से मांगलिकता का महत्व होता है।
लेकिन व्यक्तिगत और सामाजिक परिस्थितियों में भी यह मायने रखता है। also विशेषज्ञों के सुझावों और उपायों के माध्यम से इसे संतुलित किया जा सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति खुद अपने जीवन के निर्णय लेते हैं also विवाह संबंधी योजनाओं में अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग करते हैं।