नमस्कार दोस्तों इस आर्टिकल के द्वारा हम आपको shani dev की महिमा के बारे में कुछ important बाते बताएंगे। शनि सूर्य देव तथा माता छाया के पुत्र तो है ही साथ में वह न्याय के देवता भी है।
शनिदेव को हिंदू धर्म में न्याय, कर्म, और धर्म का प्रतीक माना जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति को धन, संपत्ति, वैभव, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। before स्टार्टिंग आपको बतादे की यहां shani dev के बारे में सभी जानकारी आपको जरूर मलेंगी। lets started without delay
Who Is Shani Dev?
Shani Dev समस्त सृष्टि के कर्मो के according फल देते हैं। नवग्रहों में शनि ही एक ऐसा ग्रह है जिसे सबसे क्रूर और उग्र माना गया है। also हिंदू धर्म में शनिवार शनि देव को समर्पित होता है।
इसी कारण प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनि शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा आराधना करते आ रहे हैं। also shani dev ka vahan काला कौआ है।
शनिदेव को हिंदू धर्म में न्याय प्रतीक माना जाता है। but शनिदेव किसी के प्रति दया रखने वाले नहीं हैं, उनका उग्र रूप दुष्टों को दंडित करने के लिए है। उनकी कृपा से व्यक्ति को सुधारने का मौका भी मिलता है।
Shani Dev की साढ़ेसाती और ढैय्या का नाम सुनने से हमें डर अव्यस्य लगता है। but यह उन व्यक्तियों के लिए है जो कर्मों के बल पर उनके साथ होने वाले उतार-चढ़ावों का सामना कर रहे हैं।
basically इससे व्यक्ति को पता होना चाहिए कि उन्हें शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए उपाय करना चाहिए। उपाए में आपको भूखे और गरीब लोगों को दान करना चाहिए।
जिससे Shani की कृपा बनी रहे or हमे पापों से मुक्ति मिले। शनिदेव के दंड से बचने के लिए व्रत, दान, और ध्यान का पालन करना चाहिए, जो व्यक्ति को पूर्णता और आत्म-शुद्धि की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
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Shani Dev आप से नाराज है कैसे पता करे?
जब Shani Dev किसी व्यक्ति पर नाराज होते हैं तो उस व्यक्ति के साथ क्या होता है। यह सब आपको निचे बताया गया है।
firstly मार्ग से भटकना। जैसे कहा गया है जिस व्यक्ति के जीवन में हार लिखी हो ईश्वर उसकी बुद्धि को पहले ही हर लेते हैं इससे उस व्यक्ति को अच्छी बातें दिखाई नहीं देती। or वह केवल बुरा ही बुरा देख पाता है
then secondly कर्ज का बढ़ना। shani जिन व्यक्तियों पर नाराज होते हैं। and ऐसे व्यक्ति कर्ज के बोझ के तले दबे रहते हैं। अवश्कता ना होने पर भी बेकार की चीजें खरीदने के लिए पैसे बर्बाद करते है कर्ज का भार बढ़ जाता है। जीवन में कभी किसी की मदद न करने के कारण ही व्यक्ति को ऐसी सजा मिलती है
तीसरी बात नसों की लत लग जाती है। अर्थात नशीली चीजों का सेवन करने लगता है। suddenly किसी बुरी आदत को अपना लेता है। यह उसके पाप कर्मों का ही फल होता है व्यक्ति किसी का दिल दुखाता है अथवा माता-पिता को अपशब्द कहता है।
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shani dev
कोई भी धर्म कार्य नहीं करता तो उसे शनिदेव ऐसा दंड देते हैं। because बुरी आदतों के जाल में फंस जाता है। और इससे वह बाहर नहीं निकल पाता।
चौथी बात वेश्यावृत्ति जो पुरुष पराई स्त्रियों से संबंध बनाता है अथवा वैश्याओं के पास जाता है। शनि देव ऐसे मनुष्य की उन्नति कभी होने नहीं देते। also वह जीवन भर दुख , बीमारी और गरीबी में निकालता है।
पांचवी बात पशु-हत्या shani dev की नजर में पशुओं के प्राण लेना भयंकर अपराध है। ऐसे मनुष्य को शनि अत्यंत दुखदाई कष्ट देते हैं।
भयंकर बीमारी से ग्रसित होना जो व्यक्ति दूसरों के धन पर अपना हक दिखाता है and दूसरों को मूर्ख बना कर धन कमाता है। शनिदेव ऐसे व्यक्ति को कभी क्षमा नहीं करते।
lastly जो दूसरों का बुरा करना ,जो महिलाएं दूसरों के साथ बुरा करती है। similarly जो दूसरों का बुरा हो जाएं ऐसी मन ही मन कामना करता है वह शनि के दंड का ही पात्र होता है।
Shani Dev पूजा विधि
शनी देव को सही पूजा विधि से जल्दी प्रशन कर सकते हैं तो हम आपको एक ऐसी विद्धि बताने जा रहे हैं जो कि आजमाई हुई है। or बहुत ही कारगर साबीत हुई है। also जब भी कोई पूजा पाठ की विधि अपनाते हैं तो उसमें पूर्ण समर्पण आस्था भक्ति और विश्वास की भावना अवश्य होनी चाहिए। तभी आपको लाभ मिलेंगे।
आपको कुछ सामाग्री है आपको उसको एकत्रित कर लेनी है जो कि इस प्रकार है।
- काला उड़त
- काला तिल
- लोहे की कील
- काला कपड़ा सवा मीटर(एक चौथाई) हो या फिर काले कपड़े का टुकड़ा हो
- ताम्बे का लोटा and सरसो का तेल
- धूप or ध्यान रहे की दीपक लोहे या मिट्टी का होना चाहिए।
- नीले पुष्प, जो की शनी देव को अत्यधिक प्रिय है।
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पूजा विधि
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा धोकर अपनी नित्र क्रिया से साफ कपडे धारन करने हैं। also आपको काले या फिर नीले रंग के कपड़े ही पहनने है। because यह शनी देव को बहुत ही ज़्यादा प्रिय है।
then ऐसे shani mandir में जाए ,जहाँ पर पीपल का पेड़ हो और शनी देव की शिला हो। काला तिल और थोड़ा उड़द डालकर “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जब करते हुए जल को पीपल के पेड़ में अरपित कर दें।
ध्यान रहें जल अरपित करते समय आपका मुख पश्चिन दिशा की ओर हो। काला उड़द और लोहे की दो तीन कील को डाल कर और सरसो का तेल डाल कर दीपक को पीपल के पास प्रजलित कर दें। then साथ में धुप भी जलाए। and नीले पुष्प को अर्पित करें।
then इसके बाद सर्शो के तेल को किसी लोहे के पात्र में रखकर शनी देव की शिला पर अर्पित करें। or वहाँ पास में जल रहे दीपक में भी सर्शो के तेल को डालें।
so इसके बाद पीपल के पेड़ के पास बैठ कर shani chalisa, shani stotram का पाठ करें। similarly शनी के मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का पाठ करें। पीपल के पेड़ की कम से कम 7 बार या 11 बार परिकर्मा करें।
इससे आपके pitra dosh का निवारण होता है। और यदि आपकी कुंडली या राशि में sarp dosh है तो वह भी दूर होता है। आप इस विधि को प्रतेक शनिवार कम से कम 21 बार या अपनी इच्छा अनुशार or भी जादा कर सकते हैं।
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निष्कर्ष –
इस लेख का समापन करते हुए, हम यह कह सकते हैं कि shani dev कर्म योगी ग्रह हैं जो हमें न्याय, कर्म, और धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। उनकी कृपा से हमें धन, संपत्ति, और आत्मिक शुद्धि की प्राप्ति होती है। शनि देव के बारे में बताए गए उपायों और पूजा विधियों का अनुसरण करके हम अपने जीवन का उधार कर सकते हैं। हमें अपने कर्मों को ध्यान में रखते हुए समस्त दुःखों और संकटों को ठीक कर सकते हैं।
FAQs Frequently Asked Questions For Shani Dev
Q- शनि देव की सबसे प्रिय राशि kon si hai ?
Ans- shani की सबसे प्रिय tula rashi होती है।
Q- कुंभ राशि वाले शनि देव को कैसे प्रसन्न करें?
Ans- कुम राशी वालों को देने वाला भी शनी और उनसे छीनने वाला भी शनी वो दे भी सकता है ले भी सकता है। इसलिए कुम राशी वाले महिला या पुरुष, शनीवार को अंधो और अपाहीच लोगों को भोजन दें।
also हनुमान कवच धारन करें, बजरंग बान का पाठ करें या hanuman chalisa का निरंतर पाठ करे। तभी kumbh rashi वालों के जीवन में कुछ होगा। वरना ऐसे ही तुम्हारी बैंड बजती रहेगी।
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Q- शनिदेव की पूजा किस टाइम करनी चाहिए?
Ans- शनि देव की पूजा साम 6:pm के बाद करे। या सुबहे
Q- शनि देव को किस लोटे से जल चढ़ाना चाहिए
Ans- लोहे का लोटा।
Q- शनि देव को खुश करने का मंत्र ?
Ans- आप shani dev के beej mantra का जाप करे – “ॐ शं शनेशचराय नमः”
Q- शनि देव की पत्नी का नाम ?
Ans- नीलमंदा है।
Q- शनि देव की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए?
Ans- शनि देव की सिर्फ एक ही परिक्रमा का विधान बताया गया है।