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Chandra kundali kya hoti hai? try free chandra kundali calculator

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Lets know about moon या Chandra kundali kya hoti hai? । वैदिक ज्योतिष में, लग्न कुंडली जन्म कुंडली विचार के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है। जन्म कुंडली का मतलब है, जिस राशि का उदय होता है वह वक्त जब जातक का जन्म हुआ होता है। इस आधार पर बनाई जाने वाली जन्म कुण्डली को लग्न कुंडली या जन्म कुण्डली या D-1 चार्ट कहा जाता है। सभी पठन उदय राशि या लग्न के संदर्भ में किए जाते हैं। चंद्र या मून कुंडली भी जन्म कुंडली की तरह होती है, लेकिन यहाँ पर पहला घर या उदय का संकेत बन जाता है जहाँ पर चंद्र वस्तित होता है।

मून मन का प्रतीक होता है। चंद्र कुंडली का मुख्य उपयोग जातक के मानसिक संरचना, उसका मन, मानसिक पहलुओं का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। कुछ ज्योतिषी Chandra kundali का उपयोग जातक के जीवन के सभी पहलुओं को पठन करने के लिए करते हैं।

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why chandra kundali used ?

Chandra kundali घटना या कर्म की बीज होती है। चंद्र मन होता है, चाहे हम कुछ भी करें, पहले मन में आता है और फिर शारीरिक अनुभव होता है।

इस लिए चंद्र कुंडली का उपयोह ज्योतिषी व्यक्ति के मन की बात जानने और परडिक्ट करने क लिए किया जाता है। जैसा की ऊपर बताया गया है चंद्र moon मन का प्रतीक होता है | then चंद्र कुंडली से आप क कुंडली में मून की सिथति का पता लगता है | also जिस से व्यक्ति क जीवल क मन क पहलुओं का अध्यन किया जा सकता है |

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जिसका उपयोग किसी के जन्म चार्ट में चंद्रमा के स्थिति और इसके प्रभाव की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। वो एक Chandra kundali calculator Free टूल है, then यह उपकरण ज्योतिषीय गणनाओं और आंकड़ों का उपयोग करके व्यक्ति की चंद्र कुण्डली को प्राप्त करने में मदद करता है |

Chandra Kundali Result

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also ऊपर दिए गए रिजल्ट्स क अनुसार आप निचे पढ़ सकते है की कोनसे भाव में चंद्र होने से क्या फल मिल सकता है।

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chandra kundali calculator
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how to reed chandra kundali और chandra कोनसे भाव में क्या फल देता है?

अगर आप की कुंडली में चन्द्रमा 1 – 4 भाव में है तो निचे दिए गए फल आप को मिल सकते है या व्यक्ति ईएसएस स्वभाव का हो सकता है :-

पहला: चंद्र, यदि प्रथम भाव या लग्न में है, तो व्यक्ति को दुष्ट प्रकृति, पागल, बहरा, अशांत मन वाला, गूंगा और काली देह वाला होता है।

दूसरा: चंद्र, द्वितीय भाव में हो तो जातक को अपरिमित सुख, धन, मित्रों के साथ रहने वाला, और धन का स्वामी होता है, also वह कम बोलने वाला होता है।

तीसरा: कुंडली के तीसरे भाव में चंद्रमा बलवान होने पर व्यक्ति को भाई-बंधुओं का अच्छा सहयोग मिलता है। वह प्रसन्न रहने वाला, वीर, विद्या, वस्त्र, और अन्न से भरपूर होता है।

चौथा: चौथे भाव का चंद्रमा व्यक्ति को बंधु-बांधवों से युक्त बनाता है। वह सेवाभावी, दानी, जलीय स्थानों को पसंद करता है और सुख-दुख से मुक्त रहता है।

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5 – 8 भाव में चंद्र की सिथति ये बतलाती है

पाँचवा: पाँचवे भाव का चंद्रमा व्यक्ति को कमजोर बनाता है। इस व्यक्ति में वीरता की कमी हो सकती है, लेकिन विद्या, वस्त्र, और अन्न का संग्रहकर्ता होता है। then इसके पुत्र अधिक होते हैं, मित्रवान, बुद्धिमान, और उग्र प्रकृति के हो सकते हैं।

षष्ठ: षष्ठ भाव का चंद्रमा जातक को शत्रुओं से ज्यादा प्रभावित कर सकता है। वह तीक्ष्ण, कोमल शरीर वाला, क्रोधी, नशे में चूर, पेट रोगी हो सकता है। क्षीण चंद्रमा होने पर जातक अल्पायु हो सकता है।

सातवां: सातवे भाव का चंद्रमा व्यक्ति को सुशील, संघर्षशील, सुखी, सुंदर शरीर वाला, कामी बना सकता है। कृष्ण पक्ष का निर्बल चंद्रमा होने पर व्यक्ति दीन और रोगों से पीड़ित हो सकता है।

आठवां: आठवे भाव का चंद्रमा व्यक्ति को बुद्धिमान, तेजवान, रोग-बंधन से मुक्त और कृश देहधारी बना सकता है। also चंद्रमा क्षीण होने पर व्यक्ति अल्पायु हो सकता है।

9 – 12 भाव में चंद्र की सिथति ये बतलाती है

नौवां: नौवां भाव में चंद्रमा होने पर व्यक्ति को देव-पितृकार्य में तत्पर रहने की प्रवृत्ति होती है, वह सुखी होता है, धन-बुद्धि पुत्र से युक्त होता है, स्त्रियों का प्रिय होता है, also उद्यमी होता है.

दसवां: दसवे भाव का चंद्रमा व्यक्ति को खेद से दूर, कार्य में तत्पर, कार्यकुशल, धन से संपन्न, पवित्र, अधिक बलवान, वीर, और दानी बना सकता है.

ग्यारहवां: 11वे भाव में चंद्रमा होने पर व्यक्ति धनी, अधिक पुत्रवान, दीर्घायु, सुंदर, इच्छित नौकरी वाला, मनस्वी, उग्र, वीर, और कातिमान हो सकता है.

बारहवां: कुंडली में 12वे भाव का चंद्रमा होने पर व्यक्ति द्वेषी, पतित, नीच, नेत्ररोगी, आलसी, अशांत, और सदा दुखी रह सकता है।

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Chandra  kundali -FAQ
Chandra kundali -FAQ

FAQ फॉर चंद्र जनम कुंडली

निचे हमने कुछ सवाल जवाब जो की हर इंसान क मन में आते है जब वो चंद्र कुंडली के बारे में जान्ने के इच्छुक होते है | आप इन्हे पढ़ क अपने मन क सवालों का जवाब हासिल कर सकते है | lets read without delay

आपकी जन्म कुंडली (chandra kundali) में चंद्रमा क्या दर्शाता है?

चंद्र राशि आपके जन्म के समय चंद्रमा की स्थिति का वर्णन करती है, जो आपके भावनाओं, इच्छाओं और आपके आंतरिक जीवन की गहराईयों को प्रकट करता है। यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक हो सकता है, then आपके आंतरिक दुनिया की पहचान करने में मदद करता है।”

क्या पता चलता है chandra kundali (चंद्र कुंडली) से?

चंद्रमा की प्रभाव: ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के अनुसार चंद्रमा की स्थिति से किसी व्यक्ति की भावनात्मक जरूरतों, ताकतों और कमजोरियों का पता चलता है। इसका मतलब है कि चंद्रमा, सूर्य के बाद, ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। also सूर्य को राजा का प्रतीक माना जाता है, वहीं चंद्रमा को ग्रहों की रानी कहा जाता है। सूर्य आत्मा का प्रतीक होता है, तो चंद्रमा मन के प्रतीक के रूप में आता है

कौन सी राशि में चंद्रमा उच्च का होता है?

चंद्रमा: कर्क राशि के अधिपति ग्रह चंद्रमा होते हैं और इनकी दिशा वायव्य होती है। चंद्र ग्रह को वृषभ राशि में उच्च स्थिति प्राप्त होती है, जबकि वृश्चिक राशि में नीच होती है। also मंगल: मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल होते हैं।

चंद्रमा कमजोर होने के क्या लक्षण है?

कुंडली में चंद्रमा का कमजोर होना व्यक्ति के फैसलों की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। – इसके परिणामस्वरूप, जब चंद्रमा कमजोर होता है, तो व्यक्ति मानसिक तौर पर परेशान हो सकता है। – यदि कुंडली में चंद्रमा नीच का होता है, then व्यक्ति को मानसिक अशांति या मानसिक रोग का सामना करने का संभावना हो सकता है। एंड also कमजोर चंद्रमा छोटी-छोटी बातों पर परेशान होने की प्रवृत्ति दिखा सकता है।

चंद्रमा से कौन सी बीमारी होती है?

ज्योतिषियों के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा के अशुभ स्थित होने से उन्हें जल संबंधी रोग हो सकते हैं। also इनमें मूत्राशय संबंधी रोग, मधुमेह, अतिसार, अनिद्रा, नेत्ररोग, पागलपन, पीलिया, मानसिक पीड़ा, मानसिक थकान, दमा और फेफड़ों के रोग शामिल हो सकते हैं।

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Conclusion

जैसे की आप ने ऊपर दिए गए आर्टिकल में पढ़ा chandra kundali क्या होती है ? कैसे इसको पढ़ा जाता है वाई इसका क्या महत्व है | Also हमने एकक कैलकुलेटर का बे निर्माण किया है जिसे आप उसे कर सकते है |

फिर बे हम ये सलाह देते है आप एकक बार अपने ज्योतिसे से जरूर कंसल्ट करे | क्योकि कुछ अन्य चीजे बी होती है then जिन्हे बिना डिसकस किये फाइनल रिजल्ट को स्टिक नहीं बोलै जा सकता। आशा जकरते है आप दी गई जानकारी से संतुस्ट होंगे |

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