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Graha shanti puja kyo ki jati hai jane eske labh, kimat or puja mantra

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ज्योतिष शास्त्र और वैदिक परंपराओं की दिर्ष्टि से graha shanti puja बहुत जरुरी होती है। यह पूजा ग्रहों के अशुभ प्रभावों को शांत करने और सुख-समृद्धि लाने के उद्देश्य से की जाती है।

इसे हिन्दू संस्कृति में विशेष महत्व प्राप्त है। इस लेख का उद्देश्य है कि पाठकों को ग्रह शांति पूजा के बारे में विस्तार से जानकारी देना, इसकी महत्ता, प्रक्रिया और इसके फायदों के बारे में आपको यहां बताई जाएगी।

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Graha shanti puja क्या है?

प्राचीन विद्वानों और ऋषि-मुनियों के अनुसार, आसमान में मौजूद सभी ग्रह-नक्षत्र न केवल इंसानों पर, बल्कि समस्त प्राणियों पर भी अपना प्रभाव डालते हैं। उनका मानना है कि नक्षत्रों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। इसलिए graha shanti puja को प्राचीन काल से ही सनातन धर्म में महत्व दिया जाता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नौ ग्रह हैं: सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु। राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है। इनमे किसी एक गृह की पूजा करने पर graha shanti puja कहा जाता है।

वही दूसरी तरफ सभी ग्रहो की पूजा करने पर navgrah shanti puja का नाम दिया जाता है। यह दोनों ही अलग अलग पूजा होती है। नवग्रहों की पूजा का उद्देश्य विषम परिस्थितियों और दुर्भाग्य को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।

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Graha shanti puja क्यों की जाती है?

ग्रह शांति पूजा का मुख्य उद्देश्य ग्रहो की दशाओ को ठीक करने के लिए की जाती है। इन ग्रहों की दशा और स्थिति से व्यक्ति के जन्म के समय तिथि के आधार पर कुंडली बनाई जाती है। ग्रहों में शनि, राहु, और केतु की दशाओं को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, because यह ज्यादा प्रभाव डालते हैं।

अगर इन ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के जीवन के अनुकूल नहीं होती, तो ज्योतिष इनके दुष्प्रभावों को कम करने या समाप्त करने के लिए graha shanti puja की जाती है। राहु और केतु, यह ग्रह नहीं हैं, लेकिन इनका भी महत्वपूर्ण स्थान है। यह आपके जीवन पर अच्छे और बुरे दोनों प्रभाव डालते हैं।

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Vivah se pehle graha shanti puja kyo jaruri hai

Vivah se pehle graha shanti puja kyo jaruri hai
Vivah se pehle graha shanti puja kyo jaruri hai

विवाह से पहले ग्रह शांति की प्रथा कई प्रदेशों में होती है। and यह शास्त्रों के अनुसार एक महत्वपूर्ण विधि है, जिसे विवाह से एक दिन, दो दिन, या कभी-कभी एक सप्ताह पूर्व किया जाता है। then इसमें चार मुख्य चरण होते हैं:

  1. गणपति पूजन: सबसे पहले गणेश जी की स्थापना और पूजन किया जाता है।
  2. मंडप पूजन: विवाह मंडप का पूजन और आव्हान किया जाता है।
  3. हल्दी रस्म: इसके बाद हल्दी की रस्म होती है।
  4. ग्रह शांति: अंत में ग्रह शांति की जाती है।

ग्रह शांति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि विवाह के बाद दंपत्ति के जीवन में ग्रहों की कोई बाधा या समस्या न आए। then जिन लड़के और लड़की का विवाह हो रहा है, and उनकी जन्म कुंडली के अनुसार ग्रहों की शांति की जाती है।

पहले के समय में विवाह से पूर्व लड़के और लड़की की कुंडली मिलाई जाती थी। यदि कुंडली में किसी प्रकार का दोष होता था, then उसकी शांति के लिए ग्रह शांति की जाती थी। and ग्रह शांति की विधि में गणपति पूजन, नवग्रह स्थापना, शिवजी की पूजा और पुण्याह वाचन शामिल होते हैं।

यह रस्म माता-पिता द्वारा की जाती है and जब ग्रह शांति पूरी होती है, तो लड़के और लड़की को वहां बुलाया जाता है। and अगर आपके परिवार में ग्रह शांति की परंपरा है, तो इसे अवश्य करें। इससे नवग्रह देवता प्रसन्न होते हैं और विवाह के बाद जीवन में ग्रहों से संबंधित कोई पीड़ा या समस्या नहीं होती।

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Shadi me graha shanti puja के लाभ

ग्रह शांति पूजा के कई लाभ हैं:

  • नवदंपति के जीवन में शांति और समृद्धि लाती है।
  • ग्रहों से संबंधित किसी भी समस्या या पीड़ा को दूर करती है।
  • नवदंपति के जीवन में सुख, समृद्धि aslo प्रगति लाती है।
  • नवदंपति के बीच प्रेम और सौहार्द को बढ़ाती है।
  • नवदंपति के जीवन में स्वास्थ्य, धन और संतान प्राप्ति सुनिश्चित करती है।

Grah shanti mantra

नवग्रह शांति मंत्र में हर ग्रह के लिए एक-एक श्लोक है and जिसमें उस ग्रह की पूजा और शांति की प्रार्थना की जाती है। यह मंत्र इस प्रकार है:

  1. ओम भौमाय नमः
  2. ओम चन्द्राय नमः
  3. ओम मंगलाय नमः
  4. ओम राहवे नमः
  5. ओम गुराय नमः
  6. ओम शुक्राय नमः
  7. ओम शनैश्चराय नमः
  8. ओम केतवे नमः
  9. ओम ब्रह्मणे नमः
  10. सर्वे ग्रह शांति कर भवन्तु
  11. सर्वे भवन्तु सुखिनः

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Graha shanti puja कैसे करें?

ग्रह शांति पूजा को घर पर भी आसानी से किया जा सकता है। and इसके लिए आप निम्न सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • नवग्रह मूर्तियां या चित्र
  • पूजा थाली
  • धूप, दीप, फूल, फल
  • जल, दूध, दही, घी, चावल, मिठाई
  • पूजा पाठ या नवग्रह शांति मंत्र

पूजा शुरू करने से पहले घर को सुंदर और शुद्ध करें। also नवग्रह मूर्तियों या चित्रों को पूजा स्थल पर रखें। पूजा थाली में सभी सामग्री रखकर नवग्रह शांति मंत्र का जाप करें। then प्रत्येक ग्रह के लिए एक-एक श्लोक पढ़ें और उसके बाद “सर्वे ग्रह शांति कर भवन्तु” बोलें। इस प्रकार पूरा मंत्र पढ़ें।

Note- यह एक बेसिक पूजा विधि बताई गई है कृपया पूजा करने से पहले एक अच्छे पंडित से बात करे।

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Graha shanti puja के फायदे

ग्रह शांति पूजा करने से कई लाभ होते हैं:

नवग्रह की पूजा से होने वाले लाभ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।also सूर्य की पूजा से व्यक्ति को मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, साहस, and आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

चंद्रमा की पूजा से मानसिक शांति, धन की प्राप्ति, और जीवन में सफलता मिलती है। मंगल की पूजा से आरोग्य, शक्ति, धन, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

बृहस्पति की पूजा से धन, शिक्षा, संतान, also ज्ञान की प्राप्ति होती है। then शुक्र की पूजा से जीवन में खुशियां, प्रेम, संबंधों में प्रगति, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

शनि की पूजा से मानसिक शांति, खुशी, स्वास्थ्य, और समृद्धि मिलती है। इसी तरह, राहु और केतु की पूजा से भी स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

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Graha shanti puja cost

ग्रह शांति पूजा की लागत काफी कम होती है। आप घर पर ही इसे आसानी से कर सकते हैं। and पूजा के लिए आवश्यक सामग्री like मूर्तियां, थाली, फूल, फल आदि की लागत 500-1000 रुपये के बीच हो सकती है। ग्रह शांति पूजा की लागत भिन्न-भिन्न स्थानों पर अलग-अलग हो सकती है।

आमतौर पर इसकी लागत 5,000 रुपये से 20,000 रुपये के बीच होती है। then यह लागत पूजा के स्थान, पंडित की फीस, पूजा सामग्री और अन्य व्यय पर निर्भर करती है। also आप पंडित या पुजारी से पूजा करवाते हैं तो उनका शुल्क भी लग सकता है।

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Graha shanti puja samagri

ग्रह शांति पूजा के लिए आपको निम्न सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • नवग्रह मूर्तियां या चित्र
  • पूजा थाली
  • धूप, दीप, फूल, फल
  • जल, दूध, दही, घी, चावल, मिठाई
  • पूजा पाठ या नवग्रह शांति मंत्र

Types of Graha shanti puja

ग्रह शांति पूजा के मुख्य प्रकार हैं:

  1. नवग्रह शांति पूजा: इसमें नौ ग्रहों की पूजा की जाती है।
  2. गुरु शांति पूजा: इसमें गुरु ग्रह की पूजा की जाती है।
  3. शनि शांति पूजा: इसमें शनि ग्रह की पूजा की जाती है।
  4. राहु-केतु शांति पूजा: इसमें राहु और केतु ग्रहों की पूजा की जाती है।

इन सभी प्रकारों में नवग्रह शांति पूजा सबसे व्यापक और लाभकारी माना जाता है।

नवग्रह शांति पूजा करके हम अपने जीवन में शांति, समृद्धि also सकारात्मकता लाने का प्रयास कर सकते हैं। then इससे हमारे स्वास्थ्य, धन, कारोबार, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में भी लाभ होता है। इस पूजा को नियमित रूप से करने से हमारे जीवन में सुख-शांति और सफलता आती है।

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Conclusion-

Graha shanti puja का मुख्य उद्देश्य यह है कि नवग्रहों की कृपा से जीवन में शांति also समृद्धि बनी रहे। विवाह से पहले की जाने वाली यह पूजा विवाह के बाद दंपत्ति के जीवन में ग्रहों की अनुकूलता सुनिश्चित करती है।

इसमें गणपति पूजन, नवग्रह स्थापना, शिव पूजा, and हल्दी रस्म शामिल होते हैं। then यह पूजा शास्त्रों में वर्णित है और विभिन्न प्रदेशों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

अगर आपके परिवार में यह परंपरा है, तो इसे अवश्य करें। यह पूजा ग्रहों की अशुभता को दूर करके नए जीवन की शुरुआत को सुखद और मंगलमय बनाती है।

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