ज्योतिष कुंडली में shatruhanta yoga का महत्वपूर्ण स्थान है। जिसमें ग्रहों की स्थिति के आधार पर शत्रुओं की पराजय दिलाने में मदद करता है। यह योग न केवल जन्मकुंडली में होता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन पर भी प्रभाव डालता है।
इस लेख में हम शत्रुहंता योग के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे जानेगे की shatruhanta yoga कैसे बनता है, इसका प्रभाव क्या होता है और किस प्रकार से श्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में शत्रुहंता योग बन रहा है।
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Shatruhanta Yoga क्या है?
ज्योतिष में shatruhanta yoga का स्थान बहुत ऊपर है जो जन्मकुंडली में ग्रहों के संयोग के आधार पर निर्धारित होता है। मुख्य रूप से, इस योग में मंगल, राहु और केतु के ग्रहों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
जब ये ग्रह जन्मकुंडली में विशेष स्थानों पर या किसी विशेष संयोग में होते हैं, तो व्यक्ति को शत्रुओं से निपटने की शक्ति प्राप्त होती है।
therefore इसे “शत्रुहंत” योग कहा जाता है क्योंकि इस योग के प्रकट होने पर व्यक्ति को अपने शत्रुओं के साथ मुकाबला करने की क्षमता मिलती है और वह उन्हें नष्ट करने में सक्षम हो जाता है।
शत्रुहंत योग व्यक्ति को नकारात्मक प्रभावों को कम करने में भी मदद करता है। also आपके सामर्थ्य को बढ़ाकर सकारात्मक चीजों की ओर मोड़ता है।
यह योग व्यक्ति को उत्तराधिकारी शत्रुओं से लड़ने की चेतना और क्षमता प्रदान करता है, जिससे वह अपने जीवन में सफलता की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
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Shatruhanta Yoga कैसे बनता है।
देखिये shatruhanta yoga बनने के पीछे शनि, राहू, सूर्य और मंगल ग्रह का काम हैं ये अगर कुंडली के छठे भाव में हैं तो यह योग का निर्माण करते हैं। जिसको हम बोलते हैं शत्रुहंता योग। जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत होता है शत्रु को नष्ट कर देने वाला योग।
छठवें स्थान के कारक ग्रहों की बात करें तो मंगल और शनि को छठवें स्थान के कारण ग्रह कहा गया है अगर छठवें स्थान में मंगल शनि की युति बन जाए तो प्रबल शत्रुघ्नता योग बन जाता है।
also छठवें स्थान में सूर्य बैठे हो, शनि अकेले बैठे हो, मंगल अकेले बैठे हो या चंद्रमा अकेले बैठे हो केतु बैठे हो तब भी आपके ऊपर महान से महान shatruhanta yog बन जाता है। यह आपने देखा की शत्रु अंत योग कैसे बनता है।
अगर शत्रुघ्नता है राजयोग आपकी जन्म कुंडली में बना हुआ है तो शत्रुओं के सामने आपको डरने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। शत्रुघ्न आपका नुकसान करने की सोच रहे हैं तो आप निश्चित से उन्हें अपना कम करने दे। वह आपका कुछ भी नहीं कर पाएगा।
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Shatruhanta Yoga का प्रभाव
शत्रुहंता योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण होता है। इस योग से व्यक्ति अपने शत्रुओं से सतर्क रहता है और उनसे बचने के उपाय अपनाता है। यह योग उसे उनके शत्रुओं के प्रति चेतना में वृद्धि करता है और उसे संज्ञान में लाने में मदद करता है।
यह योग भी व्यक्ति को उसके शत्रुओं के प्रति सक्षम बनाता है और उसे उन्हें नियंत्रित करने के लिए उपाय ढूंढने में मदद करता है।
शत्रुहंता योग व्यक्ति को उसके शत्रुओं के खिलाफ साहसी और सशक्त बनाता है। यह योग उसे निरंतर सफलता की ओर ले जाता है और उसे अपने दुश्मनों का विनाश करने में मदद करता है।
Shri Krishna Ki Kundali Me Shatruhanta Yoga
ऐसे ही भगवान श्री कृष्ण की जन्म कुंडली में छठे भाव में तुला राशि थी और नव भाव में शनि की मकर राशि थी जैसे सबको मालूम है।
भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात को 12 बजे हुए थे। तो भगवान श्री कृष्ण की जन्म कुंडली में भी यह shatruhanta yog बनता है।
जिसकी वजह से वह अपने शत्रुओं को पछाड़ पाए थे भगवान श्री कृष्ण के अनेक शत्रु थे। जैसे कंस, शिशुपाल, जरासंद, पूतना,अघासुर, बकासुर यह सब भगवान श्री कृष्ण को बाल्यावस्था में मारने के लिए कंस ने भेजा था। but सबको भगवान श्री कृष्ण ने झूल चटा दी।
यह आपके सामने ऊपर श्री कृष्ण की जन्म कुंडली है इसमें देखिए छठे भाव का स्वामी है तुला राशि यानी शुक्र की राशि है और दसवें भाव पर शनि की मकर राशि है।
आप सबको पता है मकर राशि में मंगल उच्च का होता है मंगल मकर राशि में बैठे हुए हैं also सातवे ये सातवी राशि तुला राशि में देखिए छठे and नव भाव के स्वामियों की युति बन रही है जिस वजह से भगवान श्री कृष्ण की कुंडली में यह योग बना था
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मोदी की कुंडली में Shatruhanta Yoga
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली में भी shatruhanta yog बन रहा है मोदी जी की जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न की जन्म कुंडली है जिसमें छठे भाव पर मेष राशि है और नवे भाव पर चंद्रमा की कर्क राशि है also नरेंद्र मोदी जी की जन्म कुंडली में लग्न में ही मंगल और चंद्र विराजमान है।
तो आप देख लीजिए कोई ऐसा नेता आज नहीं है जो मोदी जी को हरा सके प्रधानमंत्री पद के चुनाव में तो यह होता है शत्रु हंता योग जो कि श्री कृष्ण and प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में बना था।
ऐसे ही किसी आम इंसान की कुंडली में भी छठे भाव पर अगर मंगल की या फिर शनि की दृष्टि जाएगी तो यह योग बनेगा और राहु बैठा होगा छठे भाव पर तो भी वह धूल चटा देगा अपने शत्रुओं को
Conclusion-
शत्रुहंता योग कुंडली में शत्रुओं के प्रति सामर्थ्य का महत्वपूर्ण संकेत होता है। also यह योग व्यक्ति को उसके दुश्मनों के खिलाफ विजय प्राप्त करने में मदद करता है then उसे सफलता की ओर ले जाता है।
इस लेख के माध्यम से हमने शत्रुहंता योग के महत्व को समझाया है then इसके प्रकारों, प्रभाव, और अनुसंधान के बारे में विस्तार से विवरण प्रदान किया है। also यह योग व्यक्ति को उसके जीवन में सफलता और सुरक्षा की ओर ले जाता है।
FAQs- Frequently Asked Questions
क्या शत्रुहंता योग केवल शत्रुता पैदा करता है?
नहीं, यह योग कई बार व्यक्ति को समाज में विरोधी प्रतिक्रियाएं also अनिच्छुक संघर्षों का सामना कराता है।
किन ग्रहों का संयोग शत्रुहंत योग के लिए महत्वपूर्ण होता है?
मुख्य रूप से, शत्रुहंत योग में मंगल, राहु and केतु के ग्रहों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जब ये ग्रह जन्मकुंडली में विशेष स्थानों पर या किसी विशेष संयोग में होते हैं, then व्यक्ति को शत्रुओं से निपटने की शक्ति प्राप्त होती है।
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शत्रुहंत योग का लाभ किस प्रकार से होता है?
शत्रुहंत योग का लाभ व्यक्ति को अपने जीवन में स्थिरता also समृद्धि की दिशा में अग्रसर होने में सहायता प्रदान करता है।
यह उसे शत्रुओं और संघर्षों के साथ संघर्ष करने की क्षमता प्रदान करता है Then उसे जीवन में सफलता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।